चंपारण आंदोलन और साबरमती आश्रम, महात्मा गांधी से संबद्ध हैं.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी बजटीय भाषण में कहा कि इस साल चंपारण सत्याग्रह आंदोलन और साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं. बजट में इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा गया है कि इनके सौ बरस होने के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.उल्लेखनीय है कि चंपारण आंदोलन 1917-18 में हुआ था. उस दौरान अंग्रेज किसानों से जबर्दस्ती नील की खेती कराते थे. इसके चलते किसानों में भारी असंतोष था. इसकी परिणति यह हुई कि एक किसान राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी को चंपारण आने का न्यौता दिया. नतीजतन महात्मा गांधी प्रसिद्ध वकीलों राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिन्हा और ब्रजकिशोर प्रसाद के साथ चंपारण पहुंचे और अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन किया. इस आंदोलन के चलते अंग्रेजों को झुकना पड़ा.
इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे महात्मा गांधी द्वारा स्थापित साबरमती आश्रम की स्थापना के भी इस साल 100 साल पूरे हो रहे हैं. महात्मा गांधी ने यहीं से नमक सत्याग्रह शुरू करते हुए दांडी मार्च 12 मार्च, 1930 को शुरू किया था. आजादी के बाद सरकार ने इस आश्रम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया.
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया गया. इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था. यही नहीं अरुण जेटली का भी यह चौथा बजट है. साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं किया गया. इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है.
इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे महात्मा गांधी द्वारा स्थापित साबरमती आश्रम की स्थापना के भी इस साल 100 साल पूरे हो रहे हैं. महात्मा गांधी ने यहीं से नमक सत्याग्रह शुरू करते हुए दांडी मार्च 12 मार्च, 1930 को शुरू किया था. आजादी के बाद सरकार ने इस आश्रम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया.
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया गया. इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था. यही नहीं अरुण जेटली का भी यह चौथा बजट है. साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं किया गया. इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है.
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