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This Article is From May 01, 2018

UPSC की परीक्षा में क्यों पिछड़ रहे हैं हिन्दी भाषी...

Ravish Ranjan Shukla
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 01, 2018 02:43 am IST
    • Published On मई 01, 2018 02:43 am IST
    • Last Updated On मई 01, 2018 02:43 am IST
सीसैट से पहले UPSC की परीक्षा में हिन्दी माध्यम के परीक्षार्थियों के सफलता का औसत 8 फीसदी था जो सीसैट के बाद घटकर 2 से 4 फीसदी रह गया...इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बार हिन्दी माध्यम से टॉप करने वाले सफल उम्मीदवार अनुरुद्ध कुमार की रैंकिंग 146 है...इस बार एक हजार UPSC की सीटों पर हिन्दी माध्यम से परीक्षा देने वाले केवल 42 परीक्षार्थी ही सफल हो पाए...जबकि पिछली बार UPSC की परीक्षा में हिन्दी माध्यम का 41 वां स्थान था...

कौन है अनुरुद्ध कुमार
मूल रूप से जहानाबाद के रहने वाले अनुरुद्ध कुमार ने रणवीर सेना और अतिवादी वामपंथी दलों के बीच चलने वाले कत्लेआम को करीब से देखा है...गांव में लगातार हो रही इस हिंसा के चलते वो विस्थापित हुए थे...अनुरुद्ध के पिता रेलवे में चतुर्थ क्लास इम्प्लाइ थे...हिंसा ज्यादा बढ़ी तो उन्होंने अपना तबादला कानपुर करवा लिया...यहीं से अनुरुद्ध से बीटेक तक की पढ़ाई की...वो कहते हैं कि हिन्दी माध्यम के छात्रों की बड़ी कमी टाइम का मैनेजमेंट न करना और इंटरनेट..फिल्म जैसे मंनोरंजन में फंसे रहना है....अगर सफलता हासिल करनी है तो एकाग्रता के साथ रेगुलर पढ़ाई बहुत जरूरी है...तभी सफलता मिलेगी....

हिन्दी भाषी परीक्षार्थी क्यों पिछड़ रहे...
सीसैट के बाद UPSC परीक्षा का पैटर्न टेक्नीकल छात्रों को फायदा देने वाला है..वैकल्पिक विषय से ज्यादा सामान्य अध्यन में तकनीकी, तर्कशक्ति के सवाल ज्यादा पूछे जा रहे हैं जिससे हिन्दी माध्यम का छात्र पिछड़ रहा है...ध्येय आईएएस कोचिंग के संस्थापक विनय सिंह कहते हैं कि हाल फिलहाल के सालों में हिन्दी भाषी प्रदेशों की सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता कमजोर हुई है..जिसका असर UPSC की परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों पर पड़ा है...चार बार यूपीएससी की परीक्षा में इंटरव्यू देने के बाद भी सफल न होने वाले विनीत कुमार बताते हैं कि हिन्दी भाषी परीक्षार्थियों में योग्यता की कोई कमी नहीं होती है बस मार्गदर्शन और योजना की कमी होती है...पूरे आत्मविश्वास के साथ अगर सही तरीके से तैयार की जाए तो सफलता हासिल हो सकती है...


रवीश रंजन शुक्ला एनडटीवी इंडिया में रिपोर्टर हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

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