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This Article is From Jun 21, 2020

सतर्क ही रहिए कोरोना से, 4 लाख से अधिक केस और 13000 से अधिक मारे गए

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 21, 2020 21:32 pm IST
    • Published On जून 21, 2020 21:32 pm IST
    • Last Updated On जून 21, 2020 21:32 pm IST

आपके भीतर अब गिनती समाप्त हो चुकी है. आख़िर कोई कब तक गिनेगा. संख्या के प्रति संवेदनशीलता अब वैसी नहीं है जैसी शुरू के दिनों में थी. 100 केस आने पर रगों में सिहरन दौड़ जाती थी. अब सिहरन नहीं दौड़ती है लेकिन 100 क्या, 1000 से अभी अधिक एक दिन में 15000 से अधिक केस आने लगे हैं.  भारत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 13, 425 हो गई है. दिल्ली में ही दो हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महामारी विशेषज्ञ रेयान का कहना है कि टेस्टिंग की क्षमता बेहतर हो गई है, इसलिए हालात की बेहतर समझ अस्पतालों में भीड़ और मरने वालों की संख्या से बन पाएगी. ब्राज़ील में मरने वालों की संख्या 50,000 हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि कोविड-19 का दौर पहले से ख़तरनाक हो चुका है. दुनिया में 4 लाख 65 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. 88 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. भारत में 4 लाख 10 हज़ार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. 

इस महामारी को देखना घड़ी को देखने जैसा है. हम देखें या न देखें, वक्त गुज़रता ही है. ठहरता नहीं है. . संख्या हमारे लिए शून्य में बदल चुकी है. जिनके यहां यह महामारी दस्तक देती है और जिनके यहां मौत होती है वहां इस शून्य का अलग मतलब होता है. इस महामारी ने मरने वालों की त्रासदी को गुप्त रखा है. सामने नहीं आने दिया. वे गिनती से बाहर कर दिए गए हैं. यह इसका भयावह पक्ष है. 

किसी के पास कोई मुकम्मल दवा नहीं है. मगर ऐसी ख़बरें आग की तरह फैलती हैं. उम्मीद वहीं पर है. सबको पता है कि ट्रायल वगैरह की प्रक्रिया पूरी होते होते कम से कम 12-18 महीने लग जाएंगे लेकिन सबको लगता है कि वेक्सीन कल की बात है. आ जाएगी. 

बेहतर है आप सतर्क रहिए. मास्क लगाते रहिए. उसके ऊपर फेस शील्ड लगा लें बेहतर है. किसी के करीब ज़्यादा देर तक रुककर बात न करें. कमरे को हवादार रखें. अधिक क्षमता वाला एग्ज़ास्ट फैन लगा कर रखें ताकि हवा का आवागमन जारी रहे.  हाथ को साफ रखें. समय के साथ शिथिलता आ जाती है. कोई कब तक यह सब कर सकता है. लेकिन तभी याद दिलाइए कि कुछ दिन कुछ महीने और करना है, करेंगे.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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