सोशल मीडिया और मीडिया के मामले में बहुजन समाज पार्टी बदल रही है. मायावती पिछले कुछ महीनों से नियमित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. बसपा की तरफ से लगातार बयानों के ईमेल आते रहते हैं. अचानक आधी रात को सोशल मीडिया और मीडिया का कैंपेन मटीरियल देखा तो चौंक गया. तो क्या उम्मीद करें कि बसपा अब टीवी की बहसों के लिए अधिकृत प्रवक्ता भी भेजेगी! मुझे लगता है कि मायावती ऐसा कर सकती हैं. यूपी की चुनाव मीडिया महायुद्ध जैसा होगा.
यह वही बसपा है जिसने 2012 के चुनाव में सबसे ख़राब प्रचार सामग्री बनाई थी. टीवी पर जो विज्ञापन चलते थे,वो दस दस मिनट लंबे होते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अभियानी राजनीति ने तमाम दलों को कितना बदल दिया है. बसपा की ये नई प्रचार सामग्री ताज़गी लिए हैं. ठीक वैसी ताज़गी जैसी 2012 के चुनाव में अखिलेश यादव की हुआ करती थी. इन सामग्रियों से पता चलता है कि मायावती लड़ने की तैयारी कर रही हैं. वह उस खेल को भी आज़माना चाहती हैं जिस पर अभी तक दूसरों का क़ब्ज़ा माना जाता है. इन्हें देखकर त्वरित टिप्पणी यही है कि बसपा बेहतर तरीके से सीख गई है. लगता है इस बार बसपा टाइट फ़ाइट देने वाली है. बीजेपी की जीत की भविष्यवाणियों के बीच बसपा का यह टोन रोचक है. उसने जीत का इरादा नहीं छोड़ा है.
इन तस्वीरों को देखिये और पूछिये कि ये वो बीएसपी तो नहीं. नीला रंग ज़रा सा आसमानी हो गया है! इतना चलता है। लोकसभा में कमल भी गुलाबी से सफेद हो गया था. अब तो सफेद ही है.
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