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This Article is From May 12, 2016

प्राइम टाइम इंट्रो : आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन पर स्वामी के तीखे वार

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 12, 2016 21:37 pm IST
    • Published On मई 12, 2016 21:32 pm IST
    • Last Updated On मई 12, 2016 21:37 pm IST
राज्य सभा के सांसद और बीजेपी नेता सुब्रमणियन स्वामी ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन के बारे में कहा है कि उन्हें वापस शिकागो भेज देना चाहिए। स्वामी का कहना है कि बढ़ी हुई ब्याज दरों ने उद्योग-धंधे चौपट कर दिये। राजन की आलोचना तो ठीक है लेकिन अगर स्वामी जी की दूसरी बात ठीक है कि राजन के फैसले से उद्योग धंधे चौपट हो गए तो फिर वित्त मंत्री की बात को कैसे सही मान लें कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेज़ी से बढ़ रही है। अब दो बातों में से एक ही बात हो सकती है। या तो उद्योग धंधे चौपट हो गए या फिर अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है। राजनीति भी डीएमके और एआईडीएमके वाले विज्ञापन की तरह हो गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने 6, अगस्त, 2013 को अपना पद संभाला था। आते ही उन्होंने तीन बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी। उसके बाद पांच बार घटाया भी है। इस वक्त रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। जब उन्होंने ऑफिस संभाला था तब रेपो रेट 7.50 प्रतिशत थी। यह बहस चलती रहती है कि राजन अगर रेपो रेट और कम कर देते तो बैंकों के पास कर्ज देने के लिए और अधिक पैसे होते लेकिन कुछ का कहना है कि बैंकों से कर्ज का उठान बहुत कम है। बैंक खुद संकट के दौर से गुज़र रहे हैं। यह एक लंबी बहस है इसलिए विस्तार से नहीं बता रहा। हाल ही में रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया में अंधों में काना राजा कह दिया था। इस बयान की सरकार के कई मंत्रियों ने आलोचना भी की। बाद में राजन ने अफसोस प्रकट किया था।

आप जानते हैं इस साल सितंबर में राजन का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है। उनका कार्यकाल बढ़ेगा या कोई और आएगा, इसे लेकर खींचतान तो चलेगी। स्वामी ने नवंबर 2015 में केंद्र सरकार को काला धन वापस लाने के लिए छह सुझावों वाले पत्र लिखे थे। तब स्वामी ने कहा था कि जो रास्ता वित्त मंत्री ने अपनाया है उससे कालाधन कभी वापस नहीं आ सकता। तब स्वामी ने यह भी कहा था कि अगर उन्हें वित्त मंत्री बनाया जाए तो छह महीने में महंगाई कम कर सकते हैं। बुधवार को वित्त मंत्री ने राज्य सभा में सुब्रहमण्यिन स्वामी की समझ की तारीफ करते हुए कहा कि वे एक जाने माने अर्थशास्त्री हैं। राज्य सभा सांसद स्वामी को किसी प्रोत्साहन की ज़रूरत तो नहीं मगर हो सकता है कि वे वित्त मंत्री की तारीफ से बुलंद होकर राजन को शिकागो भेजने की बात कर बैठे हों। रघुराम राजन यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर रह चुके हैं।

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