PM मोदी के केदारनाथ-बद्रीनाथ दौरे का क्या है हिमाचल प्रदेश चुनाव से कनेक्शन? कैसे वोटरों से जोड़ रहे रिश्ता?

वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह की कवायद की हो. वह पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान भी अलग-अलग राज्यों और भौगोलिक प्रदेशों का पारंपरिक ड्रेस पहन चुके हैं. पीएम मोदी जहां जाते हैं, वहां की भाषा में लोगों से संवाद करने की कोशिश करते हैं.

PM मोदी के केदारनाथ-बद्रीनाथ दौरे का क्या है हिमाचल प्रदेश चुनाव से कनेक्शन? कैसे वोटरों से जोड़ रहे रिश्ता?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर हिमाचल प्रदेश की खास 'चोला डोरा' पोशाक पहने नजर आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं. उन्होंने आज (21 अक्टूबर) केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में पूजा-अर्चना की. बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक करने के बाद उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का जायजा लिया और वहां कार्य कर रहे श्रमिकों से बातचीत भी की. यह नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में केदारनाथ का छठा और बद्रीनाथ का दूसरा दौरा है. इस दौरे पर प्रधानमंत्री एक खास किस्म का ड्रेस पहने नजर आए. जो ड्रेस प्रधानमंत्री ने पहन रखी थी, वह हिमाचल प्रदेश की खास 'चोला डोरा' पोशाक है, जिसे उन्हें पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के दौरे के दौरान बतौर गिफ्ट में दी गई थी.

पिछले दिनों पीएम मोदी उत्तराखंड के पड़ोसी और पहाड़ी यानी समसंस्कृति वाले राज्य हिमाचल प्रदेश के चंबा गए थे, जहां उन्हें हथकरघा उद्योग से जुड़ी एक महिला ने ये ड्रेस गिफ्ट की थी. तब पीएम ने उनसे वादा किया था कि जब वो किसी ठंडे प्रदेश में जाएंगे तो, इस ड्रेस को पहनेंगे. 'चोला डोरा' हिमाचल प्रदेश खासकर चंबा क्षेत्र की खास पारंपरिक पोशाक है, जिसे पूजा के समय पहना जाता है. यह गर्म परिधान है, जो ऊन से बना होता है. यह लंबा होता है और उसमें खूबसूरत हस्तकारी किया हुआ डोरा लगा होता है. इसी वजह से इसे 'चोला डोरा' कहा जाता है.

चुनावी कनेक्शन क्या?
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासियत है कि वो जहां जाते हैं, वहां से अपने को कनेक्ट कर लेते हैं और वहां के लोगों से अपना प्रगाढ़ रिश्ता बना लेते हैं. वह कई बार प्रतीकों और संकेतों के जरिए खास राजनीतिक और भावनात्मक संदेश देने की कोशिश करते रहे हैं. इस मामले में भी प्रधानमंत्री ने ठंडी वादियों में स्थित केदारनाथ धाम से 185 किलोमीटर दूर सियासी तौर पर गर्म हिमाचल की राजधानी शिमला को साफ संदेश देने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री ने चंबा का लोकप्रिय पारंपरिक ड्रेस पहनकर और सिर पर हिमाचली टोपी पहनकर वहां के लोगों से अपने को कनेक्ट करने की कोशिश की है. चूंकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में कवरेज मिलती है और सुर्खियां बनती है, इस लिहाज से यह ड्रेस भी आज सुर्खियों में है. यह पीएम मोदी का अपना अलहदा अंदाज है कि वो कई चीजों को बड़े ही सरल तरीके से सुर्खियों में ला देते हैं और फिर उसका सियासी लाभ उन्हें चुनावों में मिल जाया करता है. प्रधानमंत्री द्वारा इस पावन स्थल पर चोला डोरा पहनने को बीजेपी के लोग इसे हिमाचली संस्कृति के सम्मान के तौर पर पेश कर रहे हैं.

वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह की कवायद की हो. वह पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान भी अलग-अलग राज्यों और भौगोलिक प्रदेशों का पारंपरिक ड्रेस पहन चुके हैं. पीएम मोदी जहां जाते हैं, वहां की भाषा में लोगों से संवाद करने की कोशिश करते हैं. इससे वहां की जनता खुद को सीधे प्रधानमंत्री से कनेक्ट कर पाती है और उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री ने उनकी भाषा, वेश-भूषा, परंपरा, सभ्यता का सम्मान किया है. खुश होकर लोग बदले में न केवल प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हैं बल्कि उनकी प्रशंसा के गीत भी गाते नजर आते हैं. राजनीति में यह मायने रखता है क्योंकि यहीं से विचारों का निर्माण होता है और चुनावी राज्यों में चुनावी बयार का सिलसिला शुरू होता है, जो वोट में तब्दील हो जाता है. हिमाचल प्रदेश में अगले महीने 12 नवंबर को एक ही चरण में सभी 68 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.

पीएम मोदी कब-कब गए केदारनाथ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह छठी केदारनाथ यात्रा है. इससे पहले वह 3 मई 2017, 30 अक्टूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019 और 5 नवंबर 2021 को केदारनाथ धाम जा चुके हैं. पीएम मोदी की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था है. 2013 में आई त्रासदी के बाद उन्होंने वहां के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है. पीएम मोदी की केदारनाथ यात्रा तब चर्चा में आई थी, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में मतगणना से 5 दिन पहले 17 घंटों तक उन्होंने गुफा में अराधना की थी. 

प्रमोद प्रवीण NDTV.in में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं...

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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.