विज्ञापन
This Article is From Sep 25, 2018

मुद्दों की तलाश में सरकार और विपक्ष

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 25, 2018 23:25 pm IST
    • Published On सितंबर 25, 2018 23:25 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 25, 2018 23:25 pm IST
राफेल को यदि छोड़ भी दें तो कई ऐसे मुद्दें हैं जो इस सरकार के लिए काफी अहम हैं इसमें कुछ मुद्दे तो आम  जनता से जुड़े हैं तो कुछ खास लोगों से..लेकिन बीजेपी के तमाम नेताओं को यह शायद दिख नहीं रहा है या वे देखना नहीं चाहते. बीजेपी इस बात पर खुश होगी कि राफेल का मुद्दा ही छाया रहे जिससे कि आम जनता का ध्यान बंटा रहे. खासकर उन मुद्दों से जिनको लेकर उनको सड़कों पर उतरना चाहिए..

सबसे बड़ा मुद्दा है तेल के दामों में बेहाताशा वृद्धि और ये लगातार बढ़ता ही जा रहा है..अब हालत ये है कि पेट्रोल कई शहरों में 90 के पार चला जाएगा. केन्द्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह तेल के दाम कम नहीं करेगी थक हार कर कुछ राज्यों ने तेल पर वैट को कम किया है वह भी एक रुपये प्रति लीटर..और यह कितना और बढ़ेगा यह ईरान संकट पर निर्भर करता है. दूसरी बड़ी समस्या है सरकार के सामने लुढ़कते हुए रुपये को रोकना. रुपया है कि मानता ही नहीं, लगता है उसमें और पेट्रोल में होड़ लगी हुई है कि कौन पहले 100 का आंकड़ा छूता है. वैसे आम लोगों को गिरते हुए रुपये की कीमत से लेना देना नहीं होता मगर जो आयात-निर्यात करते हैं और यदि अपना लेन देन डॉलर में करते हैं उन्हें जरूर चोट पहुंच रही होगी.

यही नहीं हाल के दिनों में शेयर बाजार की हालत भी ठीक नहीं लग रही है. शेयर बाजार इतना उतार चढ़ाव देख रहा है कि छोटे निवेशकों के लिए खतरा हमेशा बना रहेगा..एक बड़ी चिंता की वजह है खेती की हालत..2017-18 में खेती में वृद्धि की दर 2.1 फीसदी आंकी गई है..जो कि पिछले साल 4.9 फीसदी थी..यूपीए में शरद पवार दस साल तक कृषि मंत्री थे तब ये सेक्टर अच्छा कर रहा था मगर अभी कृषि मंत्री कौन है बहुतों को मालूम नहीं होगा. हां यदि आप बिहार से आते हैं या पत्रकार हैं तो आपको मालूम हो सकता है..

ऐसे हालात में प्रधानमंत्री का बेहतर एमएसपी देने का वायदा और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की मंशा पर पानी फिर सकता है..यही नहीं नोटबंदी को लेकर रिर्जव बैंक ने जो कहा उससे भी सरकार के इस कदम पर सवालिया निशान लगा हुआ है.राफेल पर सरकार मजबूती से डटी हुई दिख रही है मगर लोगों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को काफी कुछ करने की जरूरत है.

सरकार की पहली परीक्षा मध्यप्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगढ औकर तेलंगाना जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव है इन राज्यों में भी बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने वाली है. यही वजह है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे आपको पाकिस्तान की बातें अधिक सुनाई देंगी और इसकी शुरुआत तो अभी से ही हो गई है. बीजेपी की कोशिश होगी कि कांग्रेस और राहुल गांधी को पाकिस्तान का हितैषी साबित करना. जिससे कि कश्मीर में गिरते हालत से लोगों का ध्यान हटा रहे. अब यह विपक्ष पर निर्भर करेगा कि वह किस तरह से जनता के मुद्दों को उठाते रहें और एकजुट होकर सरकार पर दबाब बनाए रखें.


मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...

 
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com