विज्ञापन
This Article is From Jun 25, 2015

मनीष शर्मा की नज़र से : महिलेरिया से पीड़ित मोदी

Manish Sharma
  • Blogs,
  • Updated:
    जून 25, 2015 20:24 pm IST
    • Published On जून 25, 2015 18:41 pm IST
    • Last Updated On जून 25, 2015 20:24 pm IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तबियत ठीक नहीं चल रही है। आजकल वह 'महिलेरिया' से पीड़ित हैं। एक के बाद एक चार बीजेपी महिला मंत्रियों ने उनके ताक़तवर शरीर को संक्रमित कर दिया है। उनके गले से आवाज़ नहीं निकल पा रही। उनकी दहाड़ को खामोश कर दिया है।

लोग अब प्रधानमंत्री को मनमोहन पार्ट 2 कहने लग गए हैं। उनके हाथों ने भी काम करना बंद कर दिया है। श्रद्धांजलि से लेकर जन्मदिन पर ट्वीट करने वाले हाथ अब ट्वीट भी नहीं कर पा रहे हैं। विपक्ष बीजेपी की इन चार देवियों सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी और वसुंधरा राजे और पंकजा मुंडे के खिलाफ सड़क पर उतर आया है और प्रधानमंत्री के पास फिलहाल इस मर्ज़ की दवा दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही।

अब तक कोई भी पार्टी सत्ता में भ्रष्‍टाचार मुक्त सरकार का दावा करके नहीं आई थी लेकिन मोदी सरकार चुनाव से लेकर एक साल की रिपोर्ट कार्ड तक साफ़ छवि के लिए अपनी पीठ थपथपाती आई थी। लेकिन आज यही दावा उनको काटने को आ रहा है। कांग्रेस सरकार का करप्शन उसके दूसरे कार्यकाल में सामने आया था लेकिन राजग सरकार का करप्शन पहले ही साल में आ गया। प्रधानमंत्री मोदी को मालूम नहीं था कि उनकी सरकार की साफ़ छवि को धूमिल करने कोई दूसरा मोदी आ जायेगा। शुरुआत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हुई जो मुश्किल से अपने आप को ललित ग्रहण से बचा पायीं। ललित मोदी का दूसरा शिकार उनकी पारिवारिक मित्र और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बनी जिन का भविष्य पर लगता है ग्रहण जल्द ही लगने वाला है।

वसुंधरा राजे पर बवाल
- अभी तक बीजेपी यही कह रही थी कि जो भी दस्तावेज़ सामने आया है उस पर दस्तखत नहीं है। ललित मोदी ने कहा था कि दस्तखत है। लेकिन अब जो दस्तावेज़ कांग्रेस ने सामने रखे हैं उसमे वसुंधरा राजे का दस्तख़त है। मीडिया में खबर उठी कि वसुंधरा राजे ने माना लिया है कि दस्तावेज पर दस्तखत उन्हीं के हैं। हालांकि बाद में सीएम कार्यालय ने खबरों का खंडन करते हुए कहा कि मीडिया चैनल मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए निराधार खबरें चला रही हैं। इससे पहले 16 जून को राजे ने कहा था कि वह ललितमोदी के परिवार को तो जानती हैं लेकिन जिन दस्तावेजों की बात हो रही है, उनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
- और अब सूत्रों ने NDTV को बताया कि ललित मोदी के दस्तावेज़ों पर दस्तख़त के लिए वसुंधरा ने अपना लंदन दौरा बढ़ा लिया था। तब जब भारत का प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी की तलाश कर रहा था।
- राजे के समर्थन में पार्टी कह सकती है कि राजे ने दस्तखत व्यक्तिगत समर्थन के तौर पर किये हैं न की राजस्थान की नेता प्रतिपक्ष के आधिकारिक क्षमता पर किये हैं। इन दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख है कि राजे जो कि उस दौरान राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता थीं, वे ललित मोदी के आव्रजन आवेदन (यात्रा संबंधी दस्तावेज) के पक्ष में थीं। हालांकि इसके लिए उनकी सख्त शर्त थी कि उनका नाम भारतीय अधिकारियों के समक्ष नहीं लिया जाएगा। राजे की गवाही के रूप में बताए जा रहे इस बयान को 18 अगस्त 2011 की तारीख में जारी किया गया था।

बीजेपी में दो फाड़
- ललित मोदी की मदद करने के मामले में फंसी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर बीजेपी दो फाड़ हो गई है। पार्टी का एक धड़ा वसुंधरा के इस्तीफे पर अड़ा है। दूसरी ओर, दिल्ली में गर्म हो रहे सियासी माहौल का असर राजस्थान में दिखने लगा है। मौके की नजाकत को भांपते हुए वसुंधरा राजे सतर्क हो गई हैं। बताया जाता है कि उन्होंने समर्थक विधायकों से फोन पर बात की है। सूत्रों के मुताबिक, वसुंधरा ने समर्थक विधायकों से कहा है कि वे किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहें और उनके पक्ष में खड़े रहें।

बिहार विधानसभा चुनाव में असर
- इन सब का असर आने वाले बिहार के विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए फिलहाल कोई गलती नहीं करना चाहती है। वसुंधरा राजे के मामले से पार्टी की छवि धूमिल हुई है और वे इसका खामियाजा बिहार में नहीं भुगतना चाहते।

इस्तीफे पर विवादित बयान
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को ऐसा बयान दिया जो सरकार की फजीहत करा सकता है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जब स्मृति ईरानी, सुषमा स्वराज और रामशंकर कठेरिया के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया था तब जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि ये एनडीए की सरकार है यूपीए की नहीं और यहां इस्तीफे नहीं होते।

बाधित होगा मॉनसून सत्र
- मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है और कांग्रेस ने कहा है कि अगर इन नेताओं का इस्तीफा नहीं लिया जाता तो वे मॉनसून सत्र का बॉयकॉट करेंगे।

पंकजा मुंडे पर घिरी महाराष्ट्र सरकार
- भाजपा के ऊपर पहला आर्थिक करप्शन का मामला महाराष्ट्र से आया है। बीजेपी सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ के घोटाले का आरोप लग रहा है। आरोप है कि पंकजा मुंडे ने एक दिन में 24 सरकारी आदेश जारी किए, इन आदेशों के तहत 206 करोड़ रुपए की वस्तुएं खरीदी गई, यह खरीदी सरकारी प्रक्रिया के अनुसार नहीं हुई। खरीदारी में कुछ संस्थाओं को विशेष लाभ दिए गए।

स्मृति ईरानी के बाद अब रक्षा मंत्री
- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है की पर्रिकर ने राज्यसभा के चुनाव के समय हलफनामे में उनपर हुई एफआईआर का ज़िक्र नहीं किया था। हालांकि पर्रिकर ने कहा है कि हलफनामे में एफआईआर का जिक्र नहीं होता, केवल चार्जशीट का होता है।
- स्मृति ईरानी पर भी हलफनामे में झूठ लिखने का आरोप है। उन्होंने 2004 के चुनावी हलफनामे में बताया था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए पास की है जब की 2011 के राज्यसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में उन्होंने बताया कि उन्होंने 1994 में बीकॉम पार्ट 1 तक पढ़ाई की है।

बूढ़ों का स्थान नहीं है मोदी मंत्री मंडल में
- लाल कृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के बाद अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया है। पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, 'जिन लोगों की उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है, उन्हें 26 मई, 2014 को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।' सिन्हा ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए 75 वर्ष की उम्र सीमा तय करने के कदम पर प्रहार करते हुए एक समारोह में यह टिप्पणी की।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
ईरान पर कब हमला करेगा इजरायल, किस दबाव में हैं बेंजामिन नेतन्याहू
मनीष शर्मा की नज़र से : महिलेरिया से पीड़ित मोदी
ओपन बुक सिस्टम या ओपन शूज सिस्टम, हमारी परीक्षाएं किस तरह होनीं चाहिए?
Next Article
ओपन बुक सिस्टम या ओपन शूज सिस्टम, हमारी परीक्षाएं किस तरह होनीं चाहिए?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com