यह ख़बर 01 मई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

आईपीएल-7 : ओपनर्स हिट तो टीम हिट

नई दिल्ली:

वैसे तो टी 20 बल्लेबाजों का खेल माना जाता है, लेकिन आईपीएल-7 के पहले चरण में गेंदबाजों ने टीमों को बस में करने का अपना फॉर्मुला बेहद सरल रखा। ओपनर्स को आउट करो और टीम को रोको। ज्यादातर टीमों के खिलाफ यह फार्मुला बेहद कारगर साबित हुआ।

संयुक्त अरब अमीरात यूएई में चेन्नई के ओपनर्स ड्वेन स्मिथ और ब्रेंडन मैक्कलम विपक्षी गेंदबाजों पर हावी रहे और इसका फायदा उनकी टीम को भी मिला। दो बार चैंपियन रह चुकी चेन्नई की टीम ने पांच में से चार मैचों में जीत हासिल की।

इन दोनों ही सलामी बल्लेबाजों ने कुल पांच अर्द्धशतकीय पारियां लगाईं तो ड्वेन स्मिथ ने तीन अर्द्धशतकों के साथ 240 रन बनाए। ब्रेंडन मैक्कलम ने दो अर्द्धशतकों के साथ 193 रन बनाए। अपने ओपनर्स के इन आंकड़ों के सहारे चेन्नई के बाकी के बल्लेबाजों का काम कभी बहुत मुश्किल साबित नहीं हुआ।

चेन्नई को आईपीएल सात के अपने पहले ही मैच में जिस टीम से हार का सामना करना पड़ा उसके ओपनर्स कुछ खास नहीं चले। पंजाब के लिए खेल रहे खासकर वीरेन्द्र सहवाग और चेतेश्वर पुजारा के फॉर्म को लेकर भारतीय फैन्स फिक्रमंद रहे। चेतेश्वर पुजारा पांच मैचों में 106 और वीरेन्द्र सहवाग 120 रन जोड़ पाए। लेकिन पंजाब का बेड़ा पार किया ग्लेन मैक्सवेल और डेविड मिलर जैसे धुरंधर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों ने। प्रीति ज़िन्टा की टीम को पहले दौर में 100 में 100 अंक मिले।

दिल्ली की टीम बड़ी मुश्किल से पांच में से दो मैच जीत सकी। मुरली विजय ने कुछ मौकों पर अपनी अहमियत साबित की तो द. अफ्रीकी युवा ओपनर क्विटन डिकॉक भी दो में से एक मैच में अपना जलवा दिखा सके, लेकिन टीम की रौनक थोड़ी बहुत लौटी तो उसकी वजह रहे कप्तान केविन पीटरसन।

बैंगलोर टीम इस सीजन पहले दो मैचों में ही जीत हासिल कर पाई। पहले दोनों ही मैचों में पार्थिव पटेल ने अपनी अहमियत साबित जरूर की, लेकिन क्रिस गेल पीठ में चोट की वजह से पांचवें मैच में ही खेलने आ सके और रन नहीं बना सके। नतीजतन टीम लय में लौट नहीं पाई।

राजस्थान के लिए अजिंक्य रहाणे ने एक ओपनिंग करते हुए एक सिरा जरूर संभाले रखा, लेकिन अभिषेक नायर फॉर्म की तलाश में ही रहे। राजस्थान की टीम ने यएई में पांच में से तीन मैच अपने कब्जे में किए।

पूर्व चैंपियन कोलकाता के लिए कप्तान गौतम गंभीर का फॉर्म टीम के लिए फिक्र की वजह बना रहा। टीम को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। कोलकाता की टीम पहले पांच में सिर्फ दो मैच अपने नाम कर पाई।

हैदराबाद की टीम दो मैच जीतकर पहले चरण में दिल्ली और मुंबई से ऊपर रहने में कामयाब रही, लेकिन शिखर धवन अपने यएई के फॉर्म को जरूर भूल जाना चाहेंगे। उन्हें यह जरूर उम्मीद रहेगी कि उनका ओपनिंग पार्टनर एरॉन फिच का फॉर्म बरकरार रहे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं मुंबई की टीम यूएई से कुछ भी वापस लेकर भारत नहीं आना चाहेगी। उसके ओपनर्स पांचों मैच में फ्लॉप रहे और मुंबई का मिडिल या लोअर ऑर्डर कभी इस बोझ से उबर नहीं पाया।