विज्ञापन
This Article is From Feb 28, 2014

चुनाव डायरी : रामविलास पासवान के पास आकर पास या फेल बीजेपी...?

Akhilesh Sharma
  • Blogs,
  • Updated:
    नवंबर 20, 2014 13:17 pm IST
    • Published On फ़रवरी 28, 2014 12:15 pm IST
    • Last Updated On नवंबर 20, 2014 13:17 pm IST

बहुत बेरहम है लुटियन दिल्ली... हर तरफ फैले बड़े बंगले... कभी बंगलों की नज़दीकियां रायसीना हिल की लड़ाई के लिए नए साथी दे देती हैं तो कई बार इस लड़ाई के लिए बंगलों के नज़दीकियों के बावजूद दिलों में दूरियां हो जाती हैं...

1 जनवरी, 2004 को सोनिया गांधी अपने बंगले 10, जनपथ से निकलकर पैदल चल दी थीं 12, जनपथ में रहने वाले अपने पड़ोसी रामविलास पासवान के घर... नए साल के पहले दिन पड़ोसी से हाथ मिलाकर उन्होंने यूपीए की नींव रखी और पांच महीने बाद अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज को 7, रेसकोर्स रोड से 6, ए कृष्णा मेनन मार्ग भेज दिया...

इसी लुटियन दिल्ली में एक बार फिर बृहस्पतिवार का दिन पासवान के नाम रहा... जनपथ से अशोक रोड तक का सफर... नरेंद्र मोदी के लिए सीएम से पीएम तक का उम्मीदों-भरा सफर... पासवान के लिए 'सांप्रदायिकता' से 'धर्मनिरपेक्षता' और फिर 'सांप्रदायिकता' तक का सफर... राजनीति का विचित्र संयोग देखिए... यह सब घटनाक्रम उस दिन हुआ, जिसके ठीक बारह साल पहले गुजरात के गोधरा में साबरमती ट्रेन जलाई गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे हुए थे, जिसके मद्देनजर रामविलास पासवान ने कुछ महीनें बाद ही नरेंद्र मोदी को हटाने की मांग करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा दिया था... हालांकि जानकार कहते हैं कि पासवान इसलिए नाराज़ थे, क्योंकि उनसे दूरसंचार मंत्रालय छीन लिया गया था...

बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रामविलास पासवान से हाथ मिलाकर एक तीर से दो शिकार किए हैं... बिहार में नीतीश कुमार के साथ 17 साल चला गठबंधन सामाजिक आधार पर काफी मजबूत था, लेकिन नीतीश के जाने के बाद एनडीए से कुछ पिछ़ड़ी और अति-पिछड़ी जातियां, महादलित और पसमांदा मुस्लिम छिटक गए...

बीजेपी को इस बात का एहसास है कि अगर उसे राज्य में बड़ी संख्या में लोकसभा सीटें जीतनी हैं तो मोदी के नाम के अलावा सोशल इंजीनियरिंग का भी ध्यान रखना होगा... पार्टी नेताओं का दावा है कि राज्य में मोदी की हवा है, लेकिन खुद नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अगर टायर को हवा में लेकर खड़े हो जाओ तो उसमें अपने-आप हवा नहीं भर जाती... टायर में हवा तभी भर पाएगी, जब पोलिंग बूथ पर काम हो और लोगों को मतदान केंद्रों तक लाया जाए... यानि, इशारा साफ है कि बीजेपी को अपने वोटों का प्रतिशत बढ़ाने के लिए सामाजिक दायरा बढ़ाना जरूरी है... सो, पार्टी ने बिहार में पासवान से हाथ मिलाकर यही किया है...

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नीतीश के साथ रहकर 14 फीसदी वोट मिले थे, जबकि पासवान को लालू प्रसाद यादव के साथ रहकर करीब सात फीसदी वोट... दिलचस्प बात यह है कि लालू के साथ गठबंधन में पासवान को 40 में से 12 सीटों पर लड़ने का मौका मिला था, लेकिन वह एक भी नहीं जीत पाए... बीजेपी के साथ गठबंधन की नींव रखने वाले पासवान के बेटे चिराग अनौपचारिक चर्चाओं में कहते हैं कि लालू प्रसाद ने पर्दे के पीछे खेल खेला और अपने यादव वोटों को पासवान के पास नहीं जाने दिया, जबकि पासवान ने हर सीट पर अपने समर्थकों के वोट आरजेडी को दिलवाए... लालू से रिश्ते टूट जाने में यह आरोप भी हावी रहा है...

बीजेपी नेताओं का मानना है कि करीब 15 सीटें ऐसी हैं, जहां पचास हजार से दो लाख तक पासवान वोट हैं... वैसे, पासवान हों या मायावती, ये दोनों अपने दलित समर्थकों के वोट ट्रांसफर करवाने की हैसियत रखते हैं... लिहाज़ा पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के साथ बीजेपी 30 फीसदी का निर्णायक आंकड़ा पार कर सकती है, इसीलिए उसने बिहार में अब सामाजिक न्याय का एक बहुरंगी गठबंधन तैयार कर लिया है...

इस गठबंधन से बीजेपी को दूसरा फायदा राष्ट्रीय स्तर पर होता दिख रहा है... उसे लग रहा है कि पासवान के साथ आने से नरेंद्र मोदी की सांप्रदायिक छवि को लेकर संभावित सहयोगियों की सोच बदलेगी और चुनाव से पहले और चुनाव के बाद इन दलों की बीजेपी से जुड़ने की झिझक दूर होगी...

बीजेपी की नज़रें अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, उड़ीसा में नवीन पटनायक और असम में असम गण परिषद पर टिक गई हैं... असम में उसका एजीपी से चुनाव पूर्व गठबंधन भी संभव है, तो वहीं टीएमसी और बीजेडी के साथ उसे चुनाव के बाद समर्थन मिलने की उम्मीद है... तमिलनाडु में एमडीएमके, पीएमके और डीएमडीके साथ बात चल ही रही है... और पासवान के साथ गठबंधन होने के 12 घंटों के भीतर ही डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि का बयान भी आ गया है, जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है...

सो, बीजेपी को लगता है कि पासवान के साथ गठबंधन से उसके पक्ष में बैंडवैगन प्रभाव काम करेगा... वैसे भी लुटियन दिल्ली में पासवान के बारे में कहा जाता है कि जिधर हवा बह रही होती है, पासवान वहीं होते हैं...

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
बीजेपी-एलजेपी गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी, रामविलास पासवान, बीजेपी, नरेंद्र मोदी, लोकसभा चुनाव 2014, आम चुनाव 2014, Ramvilas Paswan, BJP-LJP Alliance, General Elections 2014, Lok Sabha Polls 2014
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com