
मुजफ्फरपुर में 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुई रेप और फिर ईलाज में कोताही के कारण मौत मामले में बिहार की सियासत इन दिनों गर्म है. लगातार विपक्षी दलों द्वारा सरकार पर सवाल उठाया जा रहा है. वहीं मुजफ्फरपुर से लेकर पटना की सड़कों पर इस घटना को लेकर उबाल साफ तौर पर देखा जा सकता है लेकिन अब पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन खड़ा हो गया है.
क्या है मामला
आपको बता दें कि बीते दिनों मुजफ्फरपुर में एक 9 वर्षीय बच्ची के साथ पड़ोस के गांव के एक युवक ने बहला फुसलाकर बच्ची को घर से तकरीबन एक किलोमीटर की दूरी पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. हैवान आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बच्ची के शरीर पर चाकू से कई बार वार भी किया था, जिसके बाद बच्ची को पहले इलाज के लिए मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया.
वहीं प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को पटना के पीएमसीएच में ईलाज के लिए रेफर कर दिया गया लेकिन पटना पहुंचने के बाद रेप पीड़ित बच्ची को इलाज के लिए कई घंटों तक एम्बुलेंस में ही इंतजार करना पड़ा और जब बच्ची को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया तो बच्ची की मौत हो गई. परिजनों ने पटना के पीएमसीएच द्वारा बच्ची के इलाज में कोताही की बात कही और इसी आरोप के बाद से शुरू हो गई बिहार की सियासत.
बच्ची की मौत के बाद कांग्रेस और राजद सरकार पर हुई हमलावर
ईलाज में कोताही के कारण बच्ची की मौत की बात जैसे ही मीडिया में चली फिर क्या था मामले को लेकर कांग्रेस और राजद ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया. पूरे बिहार में मामले को लेकर प्रोटेस्ट शुरू हो गया.
दूसरी घटना ने पूरे मामले को दे दिया राजनीतिक रंग
जिस दिन दलित बेटी की ईलाज के अभाव में मौत हो गई और पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी घर आई. ठीक उसी दिन मुजफ्फरपुर के तुर्की थाना क्षेत्र में एक और नाबालिग के साथ गांव के ही एक युवक द्वारा निर्माणाधीन मकान में ले जाकर दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आ गया.
दूसरे मामले में पुलिस ने बरती कोताही
दूसरे दुष्कर्म के मामले में पीड़ित परिवार जब मामले को लेकर तुर्की थाना की पुलिस को आवेदन देने गई तो पुलिस ने आवेदन लेने से मना कर दिया और प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की जिसके बाद पीड़ित परिवार महिला थाना पहुंचा और आवेदन दिया और महिला थाने की पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कारवाई शुरू की.
घटना के बाद शुरू हुई वोट बैंक की राजनीति
घटना के बाद जहां एक तरफ कांग्रेस पूरे बिहार में आक्रोश मार्च निकाल रही थी. वहीं 9 साल के रेप पीड़ित बच्ची के परिवार से मिलने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सैकड़ों राजद विधायक और कार्यकर्ता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर जम कर हमला बोला.
घटना स्थल से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दूसरे पीड़ित परिवार से नहीं मिलने गए नेता प्रतिपक्ष
तुर्की थाना क्षेत्र में भी एक भूमिहार समाज की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को उस परिवार से मिलने का समय नहीं था जिसके बाद अब स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा उठने लगा है कि जो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एनडीए सरकार पर जातीय राजनीति करने की बात कहती है आज वही नेता प्रतिपक्ष दलित समाज की बेटी के साथ अगर दुष्कर्म होता है तो उसके घर जाकर उस पीड़ित परिवार से मिलते हैं और जब एक भूमिहार समाज की बेटी के साथ दुष्कर्म होता है तो उनके पास उस पीड़ित परिवार से मिलने का समय नहीं होता है.
घटना के बाद सरकार हुई सख्त
घटना के बाद जब बिहार की सियासत गर्म हो गई तो सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही. वहीं मामले में कारवाई करते हुए सरकार ने पटना पीएमसीएच के उपाधीक्षक तो मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया.
मामले में मुजफ्फरपुर एसएसपी की हुई कारवाई
एक के बाद एक हुई दुष्कर्म की इस घटना के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी सुशील कुमार एक्शन में आए और मामले में कोताही बरतने वाले तुर्की थाना प्रभारी सहित तीन पुलिस कर्मी को सस्पेंड कर दिया और कहा कि जो भी आरोपी है वो बक्शे नहीं जायेंगे.
पीड़ित परिवार को मिला जिला प्रशासन का साथ
घटना के बाद मुजफ्फरपुर जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा भी मामले में तत्काल संज्ञान लिया गया और उन्होंने ने मामले की मॉनिटरिंग अपने स्तर से शुरू कर पीड़ित परिवार को तत्काल 4 लाख 12 हजार रुपए की पहली किश्त दी. वहीं दूसरी किश्त पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर करने के बाद पीड़ित परिवार को दे दी जाएगी.
मामले में जिलाधिकारी ने कहा
मामले में मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ हमारी संवेदना है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा दिए जाने वाले सहायता राशि में से 4 लाख 12 हजार रुपए की राशि पहली किस्त के रूप में दे दी गई है. वहीं दूसरी किस्त पुलिस द्वारा जब चार्ज शीट दाखिल कर दी जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि पीड़ित परिवार के लिए पेंशन की सुविधा मुहैया करा दी गई है. बच्चों के निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है. वहीं पीड़ित परिवार को आवास की भी राशि स्वीकृत कर ली गई है. साथ ही कुढ़नी के प्रखंड विकास पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही पीड़ित परिवार के आवास का कार्य शुरू करवाया जाए. उन्होंने कहा कि अन्य कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी पीड़ित परिवार को दिया जाएगा. वहीं जिलाधिकारी ने कहा की पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन पूरी तरह से खड़ी है.
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