नई दिल्ली:
एनडीटीवी और हंसा रिसर्च के एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक, बिहार में इस बार बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए ही सरकार बनाने जा रही है। पोल के मुताबिक, राज्य में एनडीए 120 से 130 सीटें हासिल कर सरकार गठन के लिए जरूरी बहुमत जुटा लेगी, जबकि महागठबंधन को 105 से 115 सीटें मिलने का अनुमान है।
बिहार के मगध क्षेत्र की 49 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हुई। इस क्षेत्र में सर्वणों की तुलना में ओबीसी ज्यादा हैं। वहीं मुस्लिमों की आबादी भी कम है, जबकि दलित की संख्या औसत है।
दूसरे चरण में बीजेपी ने हाथ गई बाज़ी
बिहार के भोजपुर क्षेत्र में 32 सीटों पर दूसरे चरण में वोटिंग हुई। इस क्षेत्र में सर्वणों और दलितों की आबादी ओबीसी और मुस्लिमों की तुलना में ज्यादा है।
एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक, महागठबंधन के लिए मजबूत माने जाने वाले इस इलाके में भी उसे पिछली बार की तुलना में नुकसान हुआ है। भोजपुर क्षेत्र में उसे इस बार 40 फीसदी वोट प्राप्त हुए, जो कि पिछली बार से 4% कम है, जबकि एनडीए के वोट 3% बढ़कर 44% हो गए हैं।
तीसरे चरण में एनडीए ही फायदे में
30 अक्टूबर को हुए बिहार चुनाव के तीसरे चरण में पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, सारण और वैशाली जिलों की कुल 50 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए। इस चरण में ज्यादातर शहरी इलाके शामिल थे और इन इलाकों को बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है।
वोटरों की बात करें तो महागठबंधन के पक्ष में 10 फीसदी ज्यादा ओबीसी वोटर दिख रहे हैं जबकि बीजेपी के पक्ष में 45 फीसदी ज्यादा सवर्ण वोटर और 4 फीसदी ज्यादा युवा वोटर का रुझान दिख रहा है।
चौथे चरण में महागठबंधन की बल्ले-बल्ले
चौथे चरण की बात करें तो इस चरण में 1 नवंबर को तिरहुत इलाके की 55 सीटों पर मतदान हुआ। इस चरण में गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शियोहर, सीतामढ़ी और सीवान जिलों में चुनाव हुए। इस इलाके में ओबीसी वोटर कम हैं जबकि सवर्ण और दलित वोटर औसत संख्या में हैं। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
पांचवें चरण में एनडीए को जबरस्त बढ़त
बिहार चुनाव के पांचवें और अंतिम दौर का मतदान 5 नवंबर को मिथिला क्षेत्र में संपन्न हुआ। इस चरण में अररिया, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया, सहरसा और सुपौल इलाकों की 57 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए।
और 2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो महागठबंधन का वोट प्रतिशत 51 था और उसके खाते में 45 सीटें थी। वहीं बीजेपी 31 फीसदी वोटों के साथ 7 सीटों पर सिमटी थी।
महागठबंधन के खाते में पहला चरण
बिहार के मगध क्षेत्र की 49 सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हुई। इस क्षेत्र में सर्वणों की तुलना में ओबीसी ज्यादा हैं। वहीं मुस्लिमों की आबादी भी कम है, जबकि दलित की संख्या औसत है।
पिछले चुनाव की तुलना में महागठबंधन को इस इलाके में बुजुर्ग, दलित एवं महिला वोटरों का अच्छा साथ मिलता दिख रहा है, वहीं एनडीए की सवर्णों, दलितों और पुरुष में पैठ देखी जा रही है।
वहीं मतदान प्रतिशत की बात करें तो महागठबंधन को 43% वोट तो एनडीए को 39% वोट मिलने का अनुमान है। मगध क्षेत्र में महागठबंधन को पिछली बार की तुलना में 2% वोटों का नुकसान हो रहा है, जबकि बीजेपी को 2% का फायदा।
वोटरों के इस झुकाव को देखते हुए पहले चरण की 49 सीटों में से महागठबंधन के खाते में 28 जबकि एनडीए को 20 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि एक अन्य के खाते में जा रहा है। यहां महागठबंधन एनडीए को पछाड़ता दिख रहा है, हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले यहां उसे पांच सीटों का नुकसान, जबकि एनडीए को पांच का फायदा होता दिख रहा है।
दूसरे चरण में बीजेपी ने हाथ गई बाज़ी
बिहार के भोजपुर क्षेत्र में 32 सीटों पर दूसरे चरण में वोटिंग हुई। इस क्षेत्र में सर्वणों और दलितों की आबादी ओबीसी और मुस्लिमों की तुलना में ज्यादा है।
एग्ज़िट पोल के अनुमान के मुताबिक, महागठबंधन के लिए मजबूत माने जाने वाले इस इलाके में भी उसे पिछली बार की तुलना में नुकसान हुआ है। भोजपुर क्षेत्र में उसे इस बार 40 फीसदी वोट प्राप्त हुए, जो कि पिछली बार से 4% कम है, जबकि एनडीए के वोट 3% बढ़कर 44% हो गए हैं।
पोल के मुताबिक, इस चरण की 32 सीटों में से महागठबंधन के खाते में 12, जबकि एनडीए को 19 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एक अन्य के खाते में जा रहा है। यहां भी महागठबंधन को 9 सीटों का भारी नुकसान, तो एनडीए को आठ सीटों का फायदा होने का अनुमान है।
तीसरे चरण में एनडीए ही फायदे में
30 अक्टूबर को हुए बिहार चुनाव के तीसरे चरण में पटना, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, सारण और वैशाली जिलों की कुल 50 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए। इस चरण में ज्यादातर शहरी इलाके शामिल थे और इन इलाकों को बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है।
एग्जिट पोल के अनुमान के अनुसार इस चरण में महागठबंधन को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि अगर 2014 के लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो महागठबंधन को 1 फीसदी वोट का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं एनडीए को 1 फीसदी वोट का फायदा होता दिख रहा है और उसका वोट प्रतिशत बढ़कर 42 से 43 होने का अनुमान है।अगर सीटों की बात करें तो इस चरण में महागठबंधन को 21 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस तरह से 2014 कीतुलना में उसे 7 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। बीजेपी को तीसरे चरण में 28 सीटें मिलने का अनुमान है और 2014 की तुलना में 6 सीटों का फायदा होता दिख रहा है। वहीं अन्य के खाते में 1 सीट जाती दिख रही है।
वोटरों की बात करें तो महागठबंधन के पक्ष में 10 फीसदी ज्यादा ओबीसी वोटर दिख रहे हैं जबकि बीजेपी के पक्ष में 45 फीसदी ज्यादा सवर्ण वोटर और 4 फीसदी ज्यादा युवा वोटर का रुझान दिख रहा है।
चौथे चरण में महागठबंधन की बल्ले-बल्ले
चौथे चरण की बात करें तो इस चरण में 1 नवंबर को तिरहुत इलाके की 55 सीटों पर मतदान हुआ। इस चरण में गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शियोहर, सीतामढ़ी और सीवान जिलों में चुनाव हुए। इस इलाके में ओबीसी वोटर कम हैं जबकि सवर्ण और दलित वोटर औसत संख्या में हैं। वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
चौथे दौर को भी बीजेपी के लिए सकारात्मक ही माना जा रहा था। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो चौथे दौर में महागठबंधन को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है और इस तरह 2014 की तुलना में उसे 1 फीसदी वोट का फायदा होता दिख रहा है। वहीं एनडीए को 1 फीसदी के नुकसान के साथ 44 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
अगर सीटों की बात करें तो इस चरण में महागठबंधन को फायदा होता दिख रहा है और उसे 21 सीटें मिलने का अनुमान है। इस तरह उसे 2014 की तुलना में 3 सीटों का लाभ होता दिख रहा है। एनडीए को इस चरण में 31 सीटें मिल सकती हैं और उसे 6 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पांचवें चरण में एनडीए को जबरस्त बढ़त
बिहार चुनाव के पांचवें और अंतिम दौर का मतदान 5 नवंबर को मिथिला क्षेत्र में संपन्न हुआ। इस चरण में अररिया, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया, सहरसा और सुपौल इलाकों की 57 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए।
और 2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो महागठबंधन का वोट प्रतिशत 51 था और उसके खाते में 45 सीटें थी। वहीं बीजेपी 31 फीसदी वोटों के साथ 7 सीटों पर सिमटी थी।
अब अगर इस चुनाव की बात करें तो स्पष्ट रूप से एनडीए को फायदा होता दिख रहा है। एनडीए को इस बार 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है और इस तरह उसे 10 फीसदी वोट का फायदा होता दिख रहा है। वहीं महागठबंधन को 9 फीसदी वोट का नुकसान होता दिख रहा है और उसे 42 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
सीटों की अगर बात की जाए तो महागठबंधन को 2014 की 45 सीटों की तुलना में केवल 28 सीटें मिलने का अनुमान है और उसे 17 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं इस चरण में एनडीए को जबरदस्त बढ़त मिलती दिख रही है। 2014 की केवल 7 सीटों की तुलना में इस बार 27 सीटें मिलने का अनुमान है। इस तरह उसे 20 सीटों का फायदा हो रहा है।
और इस तरह एनडीटीवी-हंसा रिसर्च के अनुमान के मुताबिक, पांचों चरण मिलाकर एनडीए बिहार में सरकार बनाने के ज्यादा करीब दिख रही है। एनडीए को कुल 120 से 130 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं महागठबंधन को 105 से 115 सीटें मिल सकती हैं। जबकि अन्य के खाते में 5 से 10 सीटें मिलती दिख रही हैं।
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