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This Article is From May 06, 2016

क्यों लगती है कारों में आग, और क्या करें अगर धू-धू कर जलने लगे आपकी कार

क्यों लगती है कारों में आग, और क्या करें अगर धू-धू कर जलने लगे आपकी कार
प्रतीकात्मक तस्वीर
कार में आग लगने की घटनाएं इन दिनों आम होती जा रही हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में ऐसी घटनाओं की तादाद ज्यादा बढ़ जाती है।

टाटा की मशहूर कार नैनो के लॉन्च के बाद इस कार में आग लगने की कई शिकायतें सामने आई थी। कुछ ऐसी ही शिकायतें पोर्श जैसी लग्ज़री कारों में भी पाई गई थी। ऐसे मामलों में कार कंपनियां उन तकनीकी खामियों को तुरंत दूर कर देती हैं, जिनकी वजह से कार में आग लगने की आशंका होती है।

लेकिन यह भी सच है कि ज़्यादातर मामलों में कार में आग लगने के लिए कंपनी नहीं, बल्कि कार के मालिक ज़िम्मेदार होते हैं। ज़्यादातर मामलों में ऐसा देखा गया है कि ऐसी घटनाएं कार मालिक की लापरवाही की वजह से होती हैं।

आग लगने की बड़ी वजहें:

आपकी कार को चलाने के लिए करीब 20 हजार पुर्ज़ों को फिट किया गया है। ज्यादातर मामलों में ऐसा देखा गया है कि ऐसे उपकरणों को लोग ऑथोराइज़्ड सर्विस सेंटर में रिपेयर नहीं कराते, जो आग लगने की एक बड़ी वजह साबित होती है।

1. कई लोग कार खरीदने के बाद खुले बाजार से एक्सेसरीज़ खरीदकर कार में फिट कराते हैं। इन एक्सेसरीज़ में स्टीरियो सिस्टम, सिक्योरिटी सिस्टम, हेड लैंप और रिवर्स पार्किंग सेंसर्स होते हैं। बाजार में जो मेकैनिक मौजूद होते हैं, उनमें से ज़्यादातर अप्रशिक्षित होते हैं। ऐसे में इन एक्सेसरीज़ को फिट करते वक्त वह कई तारों को या तो खुला छोड़ देते हैं या ठीक तरीके से नहीं जोड़ पाते, जिसकी वजह से शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बनी रहती है।

2. कई बार देखा गया है कि कंपनी की ओर से दी जाने वाली फ्री सर्विसिंग खत्म होने के बाद कार मालिक अपनी कार की सर्विस अप्रशिक्षित मैकेनिक से करवाते हैं। कई मामलों में ऐसे मैकेनिक सर्विसिंग के दौरान ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जिसकी वजह से गाड़ी में आग लगने की आशंका बढ़ जाती है।

3. कई कार निर्माता फैक्ट्री फिटेड सीएनजी/एलपीजी किट उपलब्ध नहीं करवाती हैं, जिसकी वजह से कार मालिकों को अनधिकृत डीलरों से ये किट फिट करानी पड़ती हैं और जिसकी वजह से किट में लीकेज की शिकायत हो सकती है। जैसा कि हम जानते हैं कि कार का ईंधन ज्वलनशील होता है और ऐसे में लीकेज होने पर कार में कभी भी आग लग सकती है।

क्या है बचाव:

1. अपने कार की समय-समय पर सर्विसिंग कराते रहें। कार में इंजन की सर्विस पर खास ध्यान दें। समय-समय पर जब जरूरत हो, अपनी गाड़ी के ऑयल फिल्टर, एयर फिल्टर, इंजन कूलेंट और इंजन ऑयल को बदलते रहें। इससे आपकी कार की सेहत अच्छी बनी रहेगी।

2. कार में कभी भी फालतू एक्सेसरीज़ न लगवाएं। ये आपकी कार की बैटरी पर ज्यादा लोड डालते हैं।

3. कभी भी किसी अनधिकृत डीलर से एलपीजी/सीएनजी किट फिट न कराएं। हमेशा ऑथोराइज़्ड सेंटर से ही ऐसी किट खरीदें और फिट कराएं।

4. कार में बेवजह के मोडिफिकेशन कराने से बचें। ऐसे मोडिफिकेशन से कार में तकनीकी खामियां आने की संभावना बढ़ जाती हैं, जो आग लगने की वजह बन सकती है।

कार में आग की स्थिति में क्या होता है:

1. कार में आग लगने की स्थिति में सबसे पहले कार में लगे इलेक्ट्रिकल यूनिट जाम हो जाते हैं। पावर विंडो, सीट बेल्ट और सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम भी फेल हो जाते हैं, जिसकी वजह से आपको कार से बाहर निकलने में परेशानी हो सकती है।

2. अगर कार में आग लगने की जानकारी सही वक्त पर न मिली हो तो कार में बैठे लोग कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की चपेट में आ सकते हैं, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।

कार में जरूर रखें ये सामान:

1. हथौड़ी - अगर आपकी कार में आग लग गई तो हथौड़ी की मदद से आप कार के शीशे को तोड़कर बाहर निकल सकते हैं।

2. कैंची - अगर कार लगने की स्थिति में आपके सीट बेल्ट जाम हो गए हो तो आप उसके कैंची की मदद से काट सकते हैं ताकि वक्त रहते कार के बाहर निकला जा सके।

3. फायर एक्सटिंग्विशर - एक छोटा-सा फायर एक्सटिंग्विशर जरूर रखें, ताकि जरूरत पड़ने आग बुझाने में आप इसकी मदद ले सकें।

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