प्रियदर्शन
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टेनिस खेलती, गोली खाती लड़की
कात्यायनी की कविता में वह शुक्रवार का दिन था. लेकिन इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में टेनिस खेलने और सबको सिखाने का सपना देख रही राधिका यादव के जीवन में शुक्रवार नहीं आया.
- जुलाई 12, 2025 14:18 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन
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रोशनी और अंधेरे के बीच गुरु दत्त
'साहब बीवी और गुलाम' का वह बहुचर्चित दृश्य बार-बार याद आता है जिसमें छोटी बहू अपने हाथ के झटके से गुरु दत्त को निकलने का आदेश देती है और कैमरा इस तरह छिटक कर दूर चला जाता है जैसे वह डर कर पीछे हट गया हो.
- जुलाई 10, 2025 16:23 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन, Edited by: आनंद कश्यप
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पूर्णिया का डायन कांड... और रेणु की 'परती परिकथा', जहां परती बढ़ी, परिकथा बदल गई...
लेकिन क्या पूर्णिया में सोमवार को जो कुछ हुआ, उसे रेणु की ग्राम कथा से जोड़ा जा सकता है? निश्चय ही नहीं. बस यह घटना यही बताती है कि हमारे समाज में पुरानी विकृतियां और अंधविश्वास किस तरह अब भी बने हुए हैं...
- जुलाई 08, 2025 22:43 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन
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‘सैटेनिक वर्सेज़’ पर नहीं चलेगी पाबंदी - किसी भी रचना पर नहीं चलती
उम्मीद करनी चाहिए कि इस बार सलमान रुश्दी की किताब पर नए सिरे से पाबंदी नहीं लगेगी. हमारा समाज और हमारी सरकारें अब यह सयानापन दिखाती हैं कि जो भी पाबंदी हो, वह अलिखित हो, अदृश्य हो. ऐसी कई पाबंदियों का दबाव हमारे लेखक और संस्कृतिकर्मी महसूस करते रहे हैं.
- दिसंबर 26, 2024 19:51 pm IST
- प्रियदर्शन
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श्याम बेनेगल: प्रतिरोध का सिनेमा बनाने वाले फिल्मकार
Shyam Benegal: 1973 में अंकुर जैसी फिल्म आई तो दर्शकों ने पहली बार देखा कि सिनेमा भी इस तरह भी बन सकता है- ज़िंदगी के इतने करीब- सच को सच की तरह कहने वाला.
- दिसंबर 24, 2024 20:00 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन
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अलविदा कॉमरेड: टूट गया मार्क्सवादी आंदोलन का एक और सितारा, सीताराम येचुरी का निधन
1992 में सीताराम येचुरी सीपीएम की पोलित ब्यूरो में चुने गए. 2015 में सीपीएम के महासचिव चुने गए 2018 और 2022 में उन्हें दूसरी और तीसरी बार सीपीएम के इस सर्वोच्च पद के लिए चुना गया.
- सितंबर 12, 2024 22:36 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन
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प्रिया वर्मा को कविता संग्रह 'स्वप्न से बाहर पांव' के लिए मिला 2024 का भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में जन्मी प्रिया वर्मा अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं और पिछले 14 वर्ष से अध्यापन कर रही हैं. उनका संग्रह रज़ा फ़ाउण्डेशन से प्रकाशित है.
- अगस्त 02, 2024 20:15 pm IST
- Reported by: प्रियदर्शन, Edited by: बिक्रम कुमार सिंह
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एक ख़त कमाल के नाम
कमाल साहब, हम दोनों को जो चीज़ जोड़ती थी, वह भाषा भी थी- लफ़्ज़ों के मानी में हमारा भरोसा, शब्दों की नई-नई रंगत खोजने की हमारी कोशिश और अदब की दरबानी का हमारा जज़्बा. पत्रकारिता के सतहीपन ने आपको भी दुखी किया और मुझे भी.
- जनवरी 13, 2023 20:56 pm IST
- प्रियदर्शन
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सूर्य कुमार यादव की जाति के बहाने
बेशक, यह स्थिति भी स्थायी नहीं रहेगी. सूर्य कुमार यादव या ऐसे दूसरे खिलाड़ियों का उदय बता रहा है कि पुरानी शक्ति-संरचनाएं टूट रही हैं और नई सामाजिक शक्तियां अपनी आर्थिक हैसियत के साथ अपना हिस्सा मांग और वसूल रही हैं. यह स्थिति सिर्फ किसी खेल में नहीं, हर क्षेत्र में देखी जा सकती है.
- जनवरी 12, 2023 21:54 pm IST
- प्रियदर्शन
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अब एक और हिंदी दिवस आ गया!
दिलचस्प यह है कि एक तरफ़ हिंदी के मसाले में रेत की यह मिलावट जारी है और दूसरी ओर शुद्धतावाद और पवित्रतावाद का प्रपंच भी चल रहा है.
- जनवरी 10, 2023 21:21 pm IST
- प्रियदर्शन
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अब विदेशी विश्वविद्यालयों से भी लीजिए ज्ञान!
उच्च शिक्षा के निजीकरण के बाद उसके भूमंडलीकरण की इस कोशिश के कुछ निहितार्थ तो स्पष्ट हैं. उच्च शिक्षा अब ग़रीबों की हैसियत से बाहर होने जा रही है. क्योंकि वे जिन सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं, वे धीरे-धीरे आर्थिक और बौद्धिक रूप से विपन्न बनाए जा रहे हैं. यह सच है कि भारत के विश्वविद्यालय कभी भी बहुत साधन-संपन्न नहीं रहे.
- जनवरी 06, 2023 21:12 pm IST
- प्रियदर्शन
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नया साल और हिंदी-उर्दू का सवाल
यह सच है कि हिंदी और उर्दू को सांप्रदायिक पहचान के आधार पर बांटने वाली दृष्टि बिल्कुल आज की नहीं है. उसका एक अतीत है और किसी न किसी तरह यह बात समाज के अवचेतन में अपनी जगह बनाती रही है कि हिंदी हिंदुओं की भाषा है और उर्दू मुसलमानों की.
- जनवरी 03, 2023 21:34 pm IST
- प्रियदर्शन
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बंद नोट और राजनीतिक नीयत का खोट
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही भी थी और मामला बंद देने का सुझाव दिया था. लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील पी चिदबंरम की इस दलील ने उसे अपना विचार बदलने को मजबूर किया कि इससे नोटबंदी जैसे फ़ैसलों की संवैधानिक स्थिति स्पष्ट होगी. ये फ़ैसला बीते दिनों को भले पलट न सके, लेकिन आने वाले दिनों के लिए नज़ीर बन सकता है.
- जनवरी 02, 2023 23:59 pm IST
- Written by: प्रियदर्शन
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अभद्र भाषा से लेकर गंभीर बीमारी तक बस नक़ली चिंता
भारतीय राजनीति ने इस कुत्ता शब्द के और भी बुरे इस्तेमाल देखे हैं. 2014 से पहले प्रधानमंत्री पद की दौड़ में लगे तब के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि 2002 के गुजरात दंगों का दर्द उन्हें नहीं है?
- दिसंबर 21, 2022 19:57 pm IST
- प्रियदर्शन
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बदरंग आस्था बनाम बेशरम रंग
एक दौर में राज कपूर, देवानंद और दिलीप कुमार की फिल्में भी ‘लड़कों को बिगाड़ने वाली’ मानी जाती थीं. बड़े-बूढ़े तो पूरी फिल्म संस्कृति को संदेह से और नाक-भौं सिकोड़ कर देखते थे.
- दिसंबर 16, 2022 17:34 pm IST
- प्रियदर्शन