विकास के मुद्दे पर बीजेपी उम्मीदवार मांग रहे हैं वोट
भोपाल:
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2018) के तहत प्रचार अभियान अब चरम पर है. लिहाजा हर पार्टी और पार्टी का हर उम्मीदवार ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता. जनता का विश्वास जीतने के लिए हर उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र में अलग-अलग मुद्दों के साथ चुनाव प्रचार कर रहा है. ग्वालियर से बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार जयभान सिंह पवैय्या इस बार विकास के मुद्दे पर अपनी चुनावी रणनीति बनाते दिख रहे हैं. यही वजह है कि कभी उग्र हिंदुत्व के समर्थक और रामजन्म भूमि से जुड़े जयभान अब धर्म की राजनीति की जगह विकास की राजनीति को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. जयभान सिंह पवैय्या दूसरी बार ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. क्या 15 साल से सत्ता में रहने का नुकसान इस चुनाव में उठाना पड़ेगा इसके जवाब में जयभान सिंह पवैय्या कहते हैं कि मध्यप्रदेश में सत्ता विरोधी लहर नहीं है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि कांग्रेस (Congress) गुटवाजी का शिकार हो रही है और इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा.
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खास बात यह है कि जयभान पवैय्या लंबे समय तक संघ में रहे हैं लिहाजा नाराज कार्यकर्ताओं को तुरंत पद देकर उन्हें सक्रिय किया जा रहा है. ग्वालियर सीट पर कुल सवा लाख मतदाता है जिसमें 45 हजार कोली मतदाता है. कोली मतदाता नाराज न हो इसके चलते शिव प्रसाद कोली जैसे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नगर निगम का चुनाव जीतने वाले छोटे कार्यकर्ताओं को इन दिनों बीजेपी से जोड़कर सक्रिय किया जा रहा है, लेकिन इतना जरूर है जयभान पवैय्या के लिए इस बार ये सीट आसान नहीं है. वहीं इस सीट पर जयभान सिंह पवैय्या के खिलाफ कांग्रेस ने प्रद्युमन सिंह को मैदान में उतारा है. ज्योतित्य राजे सिंधिया के खास होने के वजह से कांग्रेसी खेमा सिंह के प्रचार में जी जान से जुटा है. यही वजह है कि इस सीट पर ज्योदित्य राजे से लेकर राहुल गांधी तक यहां चुनाव प्रचार कर चुके हैं.
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प्रद्युमन सिंह तोमर अपने आपराधिक पृष्ठभूमि के ऊपर कहते हैं कि इस सरकार ने उन्हें 21 बार जेल भेजा है लेकिन वो पानी और साफ- सफाई के मुद्दे पर आंदोलन करने की वजह से जेल गए हैं. मेरी लड़ाई जयभाव पवैय्या से नहीं बल्कि उनके अहंकार से है. ध्यान हो कि ग्वालियर की छह विधानसभा सीटों में से पिछली बार दो कांग्रेस और चार बीजेपी के पास थी. इस बार बीजेपी ने अपनी मंत्री और ज्योदित्यराजे की मामी माया सिंह का भी टिकट काट दिया है. लेकिन ग्वालियर के सियासी किले को फतेह करने के लिए दोनों पार्टियों ने जी-जान लगाया हुआ है.
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने कुछ दिन पहले ही अपना घोषणापत्र जारी किया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सीएम शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह समेत अन्य नेता मौजूद थे. घोषणापत्र में पार्टी का खासकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों और किसानों पर विशेष ध्यान है. घोषणापत्र में पार्टी ने कहा है कि गरीबों के कल्याण के लिये संबंल जैसी योजना के माध्यम से हर गरीब परिवार को पक्का मकान दिया जाएगा और बिजली मुहैया कराई जाएगी.
VIDEO: मुझे किसी पद का मोह नहीं है.
वहीं बैगा व भरिया महिलाओं को 1000 रुपये का भत्ता जारी रहेगी. पार्टी ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिये पिछले एक साल में लगभग 32000 करोड़ रुपये दिया गया है. कृषक समृद्धि योजना में छोटे किसानों को लाभ नहीं मिल पाता इसलिये अब तय किया गया है कि जिस अनुपात में बड़े किसान को लाभ देते हैं उसी अनुपात में छोटे किसानों को भी लाभ देंगे. राज्य में 17 लाख छोटे किसान हैं.
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खास बात यह है कि जयभान पवैय्या लंबे समय तक संघ में रहे हैं लिहाजा नाराज कार्यकर्ताओं को तुरंत पद देकर उन्हें सक्रिय किया जा रहा है. ग्वालियर सीट पर कुल सवा लाख मतदाता है जिसमें 45 हजार कोली मतदाता है. कोली मतदाता नाराज न हो इसके चलते शिव प्रसाद कोली जैसे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नगर निगम का चुनाव जीतने वाले छोटे कार्यकर्ताओं को इन दिनों बीजेपी से जोड़कर सक्रिय किया जा रहा है, लेकिन इतना जरूर है जयभान पवैय्या के लिए इस बार ये सीट आसान नहीं है. वहीं इस सीट पर जयभान सिंह पवैय्या के खिलाफ कांग्रेस ने प्रद्युमन सिंह को मैदान में उतारा है. ज्योतित्य राजे सिंधिया के खास होने के वजह से कांग्रेसी खेमा सिंह के प्रचार में जी जान से जुटा है. यही वजह है कि इस सीट पर ज्योदित्य राजे से लेकर राहुल गांधी तक यहां चुनाव प्रचार कर चुके हैं.
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने कुछ दिन पहले ही अपना घोषणापत्र जारी किया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सीएम शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह समेत अन्य नेता मौजूद थे. घोषणापत्र में पार्टी का खासकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों और किसानों पर विशेष ध्यान है. घोषणापत्र में पार्टी ने कहा है कि गरीबों के कल्याण के लिये संबंल जैसी योजना के माध्यम से हर गरीब परिवार को पक्का मकान दिया जाएगा और बिजली मुहैया कराई जाएगी.
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वहीं बैगा व भरिया महिलाओं को 1000 रुपये का भत्ता जारी रहेगी. पार्टी ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिये पिछले एक साल में लगभग 32000 करोड़ रुपये दिया गया है. कृषक समृद्धि योजना में छोटे किसानों को लाभ नहीं मिल पाता इसलिये अब तय किया गया है कि जिस अनुपात में बड़े किसान को लाभ देते हैं उसी अनुपात में छोटे किसानों को भी लाभ देंगे. राज्य में 17 लाख छोटे किसान हैं.
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