ज्ञानदेव आहूजा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भरा पर्चा वापस लिया और BJP में लौट गए.
नई दिल्ली:
राजस्थान में बीजेपी ने नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा (Gyandev Ahuja) को मना लिया है. उन्हें पार्टी ने राजस्थान बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया है. इससे पहले अलवर के रामगढ़ से टिकट नहीं मिलने के बाद ज्ञानदेव आहूजा ने जयपुर के सांगानेर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भर दिया था. हालाकि बुधवार को उनसे अमित शाह और सीएम वसुंधरा राजे ने मुलाकात की थी. इसके बाद वह नामांकन वापस लेने को तैयार हो गए थे. बता दें कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर नाराज ज्ञानदेव आहूजा (Gyan Dev Ahuja) ने रविवार को भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था और जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और सोमवार को सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
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आहूजा वर्तमान में अलवर जिले के रामगढ़ से भाजपा के विधायक हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में सांगानेर से घनश्याम तिवाड़ी ने जीत दर्ज की थी. तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री के साथ मनमुटाव के चलते पार्टी छोड़ नई पार्टी का गठन किया था. उन्होंने कहा, 'पार्टी द्वारा अलवर के रामगढ़ से अन्य उम्मीदवार को टिकट दिए जाने के बाद मैंने जयपुर के सांगानेर से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने मेरी मांग नहीं मानी, इसलिये मैंने सांगानेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है.' आहूजा ने कहा था कि वह गौरक्षा, राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दों पर वह चुनाव लड़ेंगे.
VIDEO : ज्ञानदेव आहूजा ने बीजेपी छोड़ी
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई. निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नाम वापसी की दो दिन की समय अवधि में कुल मिलाकर 579 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया. इसके अनुसार 19 नवंबर तक कुल 3293 उम्मीदवारों ने 4285 नामांकन सैट दाखिल किए. इनमें से 612 नामांकन सैट विभिन्न कारणों से खारिज कर दिए गए. राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान होना है.
BJP MLA Gyandev Ahuja who had filed nomination as independent after being denied a ticket by the party, has taken back his nomination. He has now been appointed BJP's state vice president. #RajasthanElection2018 (file pic) pic.twitter.com/N2lp5EBCbp
— ANI (@ANI) November 22, 2018
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आहूजा वर्तमान में अलवर जिले के रामगढ़ से भाजपा के विधायक हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में सांगानेर से घनश्याम तिवाड़ी ने जीत दर्ज की थी. तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री के साथ मनमुटाव के चलते पार्टी छोड़ नई पार्टी का गठन किया था. उन्होंने कहा, 'पार्टी द्वारा अलवर के रामगढ़ से अन्य उम्मीदवार को टिकट दिए जाने के बाद मैंने जयपुर के सांगानेर से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने मेरी मांग नहीं मानी, इसलिये मैंने सांगानेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है.' आहूजा ने कहा था कि वह गौरक्षा, राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दों पर वह चुनाव लड़ेंगे.
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बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई. निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नाम वापसी की दो दिन की समय अवधि में कुल मिलाकर 579 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया. इसके अनुसार 19 नवंबर तक कुल 3293 उम्मीदवारों ने 4285 नामांकन सैट दाखिल किए. इनमें से 612 नामांकन सैट विभिन्न कारणों से खारिज कर दिए गए. राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान होना है.
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