इस बार उत्तराखंड में कुल 68 फीसदी मतदान हुआ
हरक सिंह रावत पहले कांग्रेस में थे, लेकिन कांग्रेस से बागी होकर उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. हरक को बीजेपी ने कोटद्वार से अपना उम्मीदवार बनाया है.
हरक सिंह कांग्रेस के कद्दावर और विवादित नेता माने जाते हैं. वे कांग्रेस की तरफ से राज्य के मंत्री भी रह चुके हैं. मार्च, 2016 में हरीश रावत की सरकार पर आए संकट की वजह भी हरक रावत ही थे. हरक सिंह ने अपने कुछ साथी विधायकों के साथ मिलकर हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इससे हरीश सरकार अल्पमत में आ गई थी. इस मामले में केंद्र सरकार ने भी दखल दिया था, लेकिन बाद में उसकी खूब किरकिरी हुई थी.
पौड़ी जिले की कोटद्वार सीट पर हरक सिंह रावत के सामने कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को अपना उम्मीदवार बनाया. कोटद्वार नेगी की गृह सीट है. उनकी पकड़ यहां खासी मजबूत पकड़ बताई जा रही थी.
15 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई थी. इस बार प्रदेश में कुल 68 फीसदी मतदान हुआ.
हरक सिंह कांग्रेस के कद्दावर और विवादित नेता माने जाते हैं. वे कांग्रेस की तरफ से राज्य के मंत्री भी रह चुके हैं. मार्च, 2016 में हरीश रावत की सरकार पर आए संकट की वजह भी हरक रावत ही थे. हरक सिंह ने अपने कुछ साथी विधायकों के साथ मिलकर हरीश रावत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इससे हरीश सरकार अल्पमत में आ गई थी. इस मामले में केंद्र सरकार ने भी दखल दिया था, लेकिन बाद में उसकी खूब किरकिरी हुई थी.
पौड़ी जिले की कोटद्वार सीट पर हरक सिंह रावत के सामने कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को अपना उम्मीदवार बनाया. कोटद्वार नेगी की गृह सीट है. उनकी पकड़ यहां खासी मजबूत पकड़ बताई जा रही थी.
15 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई थी. इस बार प्रदेश में कुल 68 फीसदी मतदान हुआ.
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