राजनाथ सिंह(फाइल फोटो)
लखनऊ:
पीएम नरेंद्र मोदी की पिछले दिनों फतेहपुर रैली में श्मशान, कब्रिस्तान की टिप्पणी पर उपजे सियासी घमासान पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने NDTV से कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी का आशय यह था कि धर्म या जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए.'' दरअसल पीएम मोदी की उस टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने निशाना साधते हुए कहा कि वह यूपी चुनावों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं. राजनाथ सिंह ने इस पर कहा,''...प्रधानमंत्री का कभी ध्रुवीकरण की राजनीति में भरोसा नहीं रहा है.''
उल्लेखनीय है कि रविवार को फतेहपुर में अपनी चुनावी रैली में राज्य में सत्तारूढ़ सपा पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए. रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए. होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए. जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. ऊंच नीच नहीं होना चाहिए.
फतेहपुर रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम के इस बयान के बाद विरोधियों ने पीएम मोदी पर अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ हिंदुओं के ध्रुवीकरण करने की कोशिश का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि सपा पर भी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोप लगाए जाते रहे हैं. राज्य में 18 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है और इस तबके को मोटे तौर पर सपा का वोटबैंक माना जाता है.
राजनाथ सिंह ने कहा,''मैंने अपने लंबे करियर में कभी धर्म की राजनीति नहीं की. किसी जाति या धर्म को विशेष ट्रीटमेंट नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इसको वोटबैंक की तरह देखा जाता है.'' सफेद कुर्ता-धोती पहने अपने खास अंदाज में राजनाथ सिंह ने कहा,''मैंने पीएम मोदी का भाषण पढ़ा है. उन्होंने वोटरों के ध्रुवीकरण से संबंधित कोई बात नहीं कही.'' जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की बात वह इसी अंदाज में कहते तो उन्होंने कहा, ''हरेक का भाषण देने का अपना स्टाइल होता है.''
गौरतलब है कि यूपी के चुनाव में बीजेपी ने कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है. शिव और बुद्ध की प्रतिमाओं के निकट बैठे राजनाथ सिंह ने कहा,''पार्टी में इस पर विचार किया गया था लेकिन फिर जीतने वाली बात सामने आ गई.'' हालांकि आने वाले गुजरात विधानसभा ''या अगले आम चुनावों में हम इस मुद्दे पर काम करेंगे. यद्यपि यह कहना गलत है कि हम ऐसा नहीं चाहते."
चुनाव में बीजेपी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी के मामले में उनका कहना है कि सपा-कांग्रेस से मुकाबला है. इसके साथ ही वह इस बात से आश्वस्त हैं कि बीजेपी सबसे आगे है. राजनाथ सिंह ने कहा,''हालांकि यदि ये (गठबंधन) नहीं होता तो हम 300 से भी ज्यादा सीटे जीतते.'' इसके साथ ही वह अखिलेश सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहते हैं कि कानून-व्यवस्था के मसले पर राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में बड़ी नाराजगी है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास के दावों पर कहा कि वह केवल एक हाईवे का जिक्र करते हैं. एक मुख्यमंत्री को अपने कामकाज के उदाहरण के रूप में क्या यह पेश करना चाहिए? एक हाईवे?
एक रोड शो में राहुल गांधी और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अपने बेटे पंकज सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि नोएडा से उनकी उम्मीदवारी में उनका कोई हाथ नहीं है. हालांकि यह भी कहा, ''हर कोई चाहता है कि उसके बच्चे सफल हों. राजनेताओं पर भी ये लागू होता है लेकिन देखिए मुझसे उनके प्रचार के लिए कहा गया था लेकिन मैंने नहीं किया.''
जब उनसे पूछा गया कि यदि यूपी में पार्टी जीतती है तो क्या वह मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे तो उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा,''हम से कौन पूछता है..मैं गृह मंत्री हूं और गृह मंत्री रहूंगा.''
उल्लेखनीय है कि रविवार को फतेहपुर में अपनी चुनावी रैली में राज्य में सत्तारूढ़ सपा पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए. रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए. होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए. जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. ऊंच नीच नहीं होना चाहिए.

पीएम के इस बयान के बाद विरोधियों ने पीएम मोदी पर अखिलेश यादव की सरकार के खिलाफ हिंदुओं के ध्रुवीकरण करने की कोशिश का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि सपा पर भी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोप लगाए जाते रहे हैं. राज्य में 18 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है और इस तबके को मोटे तौर पर सपा का वोटबैंक माना जाता है.
राजनाथ सिंह ने कहा,''मैंने अपने लंबे करियर में कभी धर्म की राजनीति नहीं की. किसी जाति या धर्म को विशेष ट्रीटमेंट नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इसको वोटबैंक की तरह देखा जाता है.'' सफेद कुर्ता-धोती पहने अपने खास अंदाज में राजनाथ सिंह ने कहा,''मैंने पीएम मोदी का भाषण पढ़ा है. उन्होंने वोटरों के ध्रुवीकरण से संबंधित कोई बात नहीं कही.'' जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की बात वह इसी अंदाज में कहते तो उन्होंने कहा, ''हरेक का भाषण देने का अपना स्टाइल होता है.''
गौरतलब है कि यूपी के चुनाव में बीजेपी ने कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है. शिव और बुद्ध की प्रतिमाओं के निकट बैठे राजनाथ सिंह ने कहा,''पार्टी में इस पर विचार किया गया था लेकिन फिर जीतने वाली बात सामने आ गई.'' हालांकि आने वाले गुजरात विधानसभा ''या अगले आम चुनावों में हम इस मुद्दे पर काम करेंगे. यद्यपि यह कहना गलत है कि हम ऐसा नहीं चाहते."
चुनाव में बीजेपी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी के मामले में उनका कहना है कि सपा-कांग्रेस से मुकाबला है. इसके साथ ही वह इस बात से आश्वस्त हैं कि बीजेपी सबसे आगे है. राजनाथ सिंह ने कहा,''हालांकि यदि ये (गठबंधन) नहीं होता तो हम 300 से भी ज्यादा सीटे जीतते.'' इसके साथ ही वह अखिलेश सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहते हैं कि कानून-व्यवस्था के मसले पर राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में बड़ी नाराजगी है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास के दावों पर कहा कि वह केवल एक हाईवे का जिक्र करते हैं. एक मुख्यमंत्री को अपने कामकाज के उदाहरण के रूप में क्या यह पेश करना चाहिए? एक हाईवे?

अपने बेटे पंकज सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि नोएडा से उनकी उम्मीदवारी में उनका कोई हाथ नहीं है. हालांकि यह भी कहा, ''हर कोई चाहता है कि उसके बच्चे सफल हों. राजनेताओं पर भी ये लागू होता है लेकिन देखिए मुझसे उनके प्रचार के लिए कहा गया था लेकिन मैंने नहीं किया.''
जब उनसे पूछा गया कि यदि यूपी में पार्टी जीतती है तो क्या वह मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे तो उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा,''हम से कौन पूछता है..मैं गृह मंत्री हूं और गृह मंत्री रहूंगा.''
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