Exit Polls 2017: सभी एक्जिट पोल में बसपा तीसरे नंबर पर, मायावती के सियासी भविष्य पर सवालिया निशान?

Exit Polls 2017: सभी एक्जिट पोल में बसपा तीसरे नंबर पर, मायावती के सियासी भविष्य पर सवालिया निशान?

एक्जिट पोल में बसपा सुप्रीमो मायावती राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई हारती नजर आ रही हैं....

नई दिल्ली:

कमोबेश सभी एक्जिट पोल्स के नतीजों सामने आ गए हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. वहीं कांग्रेस-सपा गठबंधन दूसरे नंबर पर जबकि बसपा के तीसरे नंबर पर रहने का अनुमान जताया गया है. लगभग सभी एक्जिट पोल में बसपा को तीसरे स्थान पर बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के लिए यह विधानसभा चुनाव अस्तित्व की लड़ाई है जिसे वह हारती हुई नजर आ रही हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया था. अगर इस चुनाव में हार मिली तो बीएसपी पार्टी और पार्टी अध्यक्ष मायावती का राजनीतिक हैसियत निश्चित रूप से कम हो जाएगी. पार्टी को दोबारा खड़ा करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.  

क्या कहते हैं सर्वे
इंडिया न्यूज - एमआरसी
के सर्वे के मुताबिक बीजेपी गठबंधन को 185, सपा-कांग्रेस अलायंस को 120 जबकि बसपा को 90 सीटें मिलना बताया जा रहा है. वहीं, टाइम्स नाउ-वीएमआर के एक्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 190-210,  सपा-कांग्रेस गठबंधन को 110-130 सीटे मिल सकती हैं. बसपा इस सर्वी के मुताबिक तीसरे नंबर हैं और 54-74 सीटें पार्टी को मिल सकती हैं. एबीपी-लोकनीति सर्वे का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 164-176 सीटें, सपा-कांग्रेस गठबंधन को 156-169 सीटें तो बहुजन समाज पार्टी को 60-72 सीटों पर जीत मिल सकती है. इंडिया टीवी - सीवोटर के मुताबिक, 155-167, सपा-कांग्रेस गठबंधन को 135-147 सीटें जीतने का मौका मिल सकता है. इंडिया टुडे - एक्सिस पोल के अनुसार बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा. सर्वे के मुताबिक बीजेपी के खाते में 251-279 सीटें आ सकती हैं. वहीं, सपा-कांग्रेस अलायंस को 88-112 पर सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. बसपा को महज 28-42 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है. न्यूज -24 और टुडे चाणक्य के सर्वे में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के आसार है. बीजेपी को 285 सीटें मिल सकती हैं. सपा-कांग्रेस गठबंधन महज 88 सीटों पर सिमट जाएगा. बसपा को सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा और सर्वे के मुताबिक उसे केवल 27 सीटें मिलेंगी.

फीका ही रहा चुनाव प्रचार में जादू
मीडिया में  उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान ही इस बात की काफी चर्चा रही कि मायावती की तरफ मतदाताओं का रुझान कम है. ज्यादातर जानकार बीजेपी और सपा-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में ही खड़े नजर आए और इन्हीं दोनों के बीच मुकाबले की बात कहते रहे हैं. बसपा को तीसरे स्थान की लड़ाई लड़ते हुए बताया गया था. गुरुवार की शाम आए एक्जिट पोल नतीजों में यह सच साबित होता नजर आ रहा है. बीएसपी तीसरे नंबर पर संघर्ष करती दिखाई दे रही है. हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव में अपनी तरफ से दलित वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन अगड़ी जातियों के मतदाता उनके साथ नजर नहीं आए.  

फेल हो सकती है सोशल इंजीनियरिंग
मायावती ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपना कर 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. हालांकि 2012 में उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा. इस बार भी उन्होंने यूपी के भीतर दलित-मुस्लिम गठबंधन बनाने की इस बार पूरी कोशिश की. मुस्लिम यूपी के भीतर समाजवादी पार्टी के ही साथ खड़े रहते हैं. लेकिन, मायावती ने इस बार विधानसभा चुनाव के वक्त 99 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर यादव-मुस्लिम गठजोड़ को तोड़ने की पूरी कोशिश की. लेकिन उनका चुनाव प्रचार फीका ही रहा.


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