मणिपुर विधानसभा चुनाव 2017 में थउबल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम शर्मिला को हरा दिया है.
इरोम शर्मिला सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा) के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं थी. उन्होंने अगस्त 2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.
वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर है.
19 जून, 1948 को थउबल जिले के अथोक्पम इलाके में जन्मे इबोबी सिंह ने अपनी ग्रेजुएशन इंफाल के डीएम कॉलेज से की. उनकी पत्नी एल. लंधोनी देवी थउबल जिले की खंगाबोक सीट से विधायक हैं. वह दो बार यहां से विधायक रह चुकी हैं. वह थउबल जिले से पहली महिला विधायक भी हैं. इबोबी ने 1984 में एक निर्दलीय विधायक के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. खंगाबोक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के कुछ समय बाद इबोबी कांग्रेस में शामिल हो गए. इस बीच उन्हें खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह बहुसंख्यक मैती समुदाय से हैं.
गौरतलब है कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव हुआ था. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
इरोम शर्मिला सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा) के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं थी. उन्होंने अगस्त 2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.
वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर है.
19 जून, 1948 को थउबल जिले के अथोक्पम इलाके में जन्मे इबोबी सिंह ने अपनी ग्रेजुएशन इंफाल के डीएम कॉलेज से की. उनकी पत्नी एल. लंधोनी देवी थउबल जिले की खंगाबोक सीट से विधायक हैं. वह दो बार यहां से विधायक रह चुकी हैं. वह थउबल जिले से पहली महिला विधायक भी हैं. इबोबी ने 1984 में एक निर्दलीय विधायक के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. खंगाबोक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के कुछ समय बाद इबोबी कांग्रेस में शामिल हो गए. इस बीच उन्हें खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह बहुसंख्यक मैती समुदाय से हैं.
गौरतलब है कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव हुआ था. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
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