
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने लगाया सपा पर आरोप...
लखनऊ:
भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण दे रहे हैं. मौर्य ने कहा, ‘‘प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल राम नाईक की रिपोर्ट से प्रमाणित होता है कि अखिलेश यादव भ्रष्टाचार में संलिप्त ही नहीं रहे बल्कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण भी प्रदान करते रहे. राज्यपाल की रिपोर्ट से पता चलता है कि लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार पर भेजे गए 53 प्रत्यावेदनों पर राज्य सरकार ने केवल दो प्रत्यावेदनों पर स्पष्टीकरण दिया है. उक्त रिपोर्ट ने अखिलेश यादव के भ्रष्टाचार और अपराध समर्थक चेहरे को जनता के सामने ला दिया.’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पहले भी यादव सिंह प्रकरण, लोकसेवा आयोग समेत विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों के भ्रष्टाचार के प्रकरण, बसपा शासनकाल के 22 मंत्रियों पर लोकायुक्त जांच के बाद भी उन पर कार्रवाई न करना, चेकडैम घोटाले पर कोई कार्रवाई न करना एवं गायत्री प्रजापति को खनन में भ्रष्टाचार पर बचाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अखिलेश यादव का भ्रष्टाचारी चेहरा देख चुकी है.
मौर्य ने कहा कि राज्यपाल द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खर्चे और आवंटियों का महालेखाकार द्वारा ऑडिट कराने की संस्तुति किए जाने के बावजूद जांच नहीं कराया जाना अखिलेश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचार को उजागर करता है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जवाहरबाग काण्ड के बाद प्रदेश में सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण, अवैध कब्जों, अवैध खनन और उससे राज्य सरकार को हुई हानि पर श्वेतपत्र जारी करने के सवाल पर मुख्यमंत्री द्वारा चुप्पी साध लेना ‘‘इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में जिनकी साफ सुधरी छवि पेश की जा रही है उनका असली चेहरा क्या है.’’
(इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पहले भी यादव सिंह प्रकरण, लोकसेवा आयोग समेत विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों के भ्रष्टाचार के प्रकरण, बसपा शासनकाल के 22 मंत्रियों पर लोकायुक्त जांच के बाद भी उन पर कार्रवाई न करना, चेकडैम घोटाले पर कोई कार्रवाई न करना एवं गायत्री प्रजापति को खनन में भ्रष्टाचार पर बचाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अखिलेश यादव का भ्रष्टाचारी चेहरा देख चुकी है.
मौर्य ने कहा कि राज्यपाल द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खर्चे और आवंटियों का महालेखाकार द्वारा ऑडिट कराने की संस्तुति किए जाने के बावजूद जांच नहीं कराया जाना अखिलेश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचार को उजागर करता है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जवाहरबाग काण्ड के बाद प्रदेश में सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण, अवैध कब्जों, अवैध खनन और उससे राज्य सरकार को हुई हानि पर श्वेतपत्र जारी करने के सवाल पर मुख्यमंत्री द्वारा चुप्पी साध लेना ‘‘इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में जिनकी साफ सुधरी छवि पेश की जा रही है उनका असली चेहरा क्या है.’’
(इनपुट भाषा से)
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