अखिलेश यादव ने मंत्री महोदय की जगह चचेरे भाई को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है.
नई दिल्ली:
अखिलेश यादव के कांग्रेस से गठबंधन के बाद पिता मुलायम सिंह की नाराजगी जाहिर होने के बाद पार्टी में खींचतान शुरू हो गई है. सबसे ज्यादा नाराजगी मुलायम समर्थक टिकट के दावेदारों में है. कई नेताओं ने बागी रुख अख्तियार कर लिए हैं. इनमें से बड़ा नाम अखिलेश सरकार में मंत्री शारदा प्रसाद शुक्ल का है. वह कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. उनके बारे में कहा जा रहा है कि अखिलेश ने उनको टिकट देने से इनकार कर दिया है.
लिहाजा उन्होंने सोमवार को बिना सपा छोड़े ही राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के टिकट पर लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से पर्चा भर दिया. पिछली बार शारदा प्रताप शुक्ला इसी सीट से जीते थे. हालांकि इस सीट से खुद अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि अखिलेश ने इसका खंडन कर दिया. अखिलेश यादव ने इस सीट से अपने चचेरे भाई अनुराग यादव को उतार दिया है. इसके चलते शारदा प्रताप शुक्ला ने यह कदम उठाया है.
उधर बीजेपी ने प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले यूपी में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी के चलते वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बने. बीजेपी ने उसकी सख्त सजा भी दी और दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया गया. बसपा ने भी लखनऊ में उनके खिलाफ जबर्दस्त मोर्चा खोला और उनकी पत्नी एवं बेटी के खिलाफ टिप्पणियां भी कीं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह उनसे विचलित हो गईं और परिवार की रक्षा के लिए मैदान में उतरते हुए उन्होंने बसपा को जवाब दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बसपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गई और स्वाति सिंह अचानक नेता बन गईं. बसपा के शिव शंकर सिंह भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं.
लिहाजा उन्होंने सोमवार को बिना सपा छोड़े ही राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के टिकट पर लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से पर्चा भर दिया. पिछली बार शारदा प्रताप शुक्ला इसी सीट से जीते थे. हालांकि इस सीट से खुद अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि अखिलेश ने इसका खंडन कर दिया. अखिलेश यादव ने इस सीट से अपने चचेरे भाई अनुराग यादव को उतार दिया है. इसके चलते शारदा प्रताप शुक्ला ने यह कदम उठाया है.
उधर बीजेपी ने प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले यूपी में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी के चलते वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बने. बीजेपी ने उसकी सख्त सजा भी दी और दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया गया. बसपा ने भी लखनऊ में उनके खिलाफ जबर्दस्त मोर्चा खोला और उनकी पत्नी एवं बेटी के खिलाफ टिप्पणियां भी कीं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह उनसे विचलित हो गईं और परिवार की रक्षा के लिए मैदान में उतरते हुए उन्होंने बसपा को जवाब दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बसपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गई और स्वाति सिंह अचानक नेता बन गईं. बसपा के शिव शंकर सिंह भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं.
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