साहिबाबाद में वोट डालने के बाद अमर सिंह ने कहा - सबके रहते ऐसा लगता है कोई नहीं है मेरा

साहिबाबाद में वोट डालने के बाद अमर सिंह ने कहा - सबके रहते ऐसा लगता है कोई नहीं है मेरा

पूर्व सपा नेता अमर सिंह

खास बातें

  • 'मैं मुलायम से नहीं मिलता तो आप कहते हैं दूरी हो गई है'
  • 'मुझे खलनायक की तरह पेश किया गया. मां-बहन की गालियां दी गईं'
  • 'मैंने अमिताभ बच्चन की मदद की लेकिन वो मुझे भूल गए'
नई दिल्‍ली:

करीब पौने 9 लाख वोटर वाली देश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट साहिबाबाद में वोट डालने के बाद राज्यसभा सांसद अमर सिंह और आप नेता कुमार विश्वास ने मीडियाकर्मियों से बात की. अमर सिंह से सब जानना चाहते थे कि क्या उन्होंने वोट अखिलेश यादव की सपा और कांग्रेस गठबंधन को दिया या किसी और को. इस पर अमर सिंह ने कहा कि यह बेहद व्‍यक्तिगत बात है और किसी से भी यह पूछा जाना कि उसने किसे वोट दिया है मर्यादा के प्रतिकूल है. इससे पहले अमर सिंह ने कहा, 'एक बार मुलायम सिंह ने निष्‍कासित किया, एक बार उनके बेटे अखिलेश यादव ने निष्‍कासित किया, सबके रहते ऐसा लगता है कोई नहीं है मेरा.' अमर सिंह ने कहा कि सपा में उनकी स्थिति 'इधर कुआं, उधर खाई' वाली हो गई है.

अमर सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा और कहा कि दुख की घड़ी में वह हमेशा उनके साथ थे, लेकिन सुख के समय उन्होंने पराया बना दिया. अमर सिंह ने अभिनेता अमिताभ बच्चन को भी निशाने पर लेते हुए कहा, "जब उनका घर बिकने वाला था तो मैंने उनकी मदद की थी. लेकिन अब वो भी मुझे भूल गए."
 

----- ----- ----- देखें वीडियो ----- ----- ---------- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----

मुलायम से दूरी के सवाल पर अमर ने कहा, "मैं मुलायम से नहीं मिलता तो आप कहते हैं दूरी हो गई है, मिलता हूं तो अखिलेश कहते हैं कि मैंने नेताजी को भड़का दिया. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि अगर मुलायम सिंह जी को मुझसे मिलना हो तो वो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से इजाजत लेकर मिलें. खुद अखिलेश भी अपने दूत को मुलाकात के वक्त मौजूद रखें, ताकि मीटिंग के बाद कोई बतंगड़ न बने." मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए अमर ने कहा, "मुझे खलनायक की तरह पेश किया गया. मां-बहन की गालियां दी गईं. बुजुर्गों का अपमान भारत की परंपरा नहीं है. अखिलेश याद करें कि राम का सम्मान इसलिए होता है, क्योंकि उन्होंने पिता के कहने पर सत्ता छोड़ वनवास जाना स्वीकार किया."

उधर कुमार विश्‍वास भी वोट डालने पहुंचे और अपने चिर परिचित अंदाज में कविता के माध्‍यम से वोटर को सर्वशक्तिमान भी बताया. कुमार विश्वास ने किसको वोट दिया ये जानना इसलिये अहम् था क्योंकि आम आदमी पार्टी खुद यूपी में चुनाव नहीं लड़ रही और दूसरी पार्टियों को भ्रष्ट बताती रही है. हालांकि कुमार विश्वास की बीजेपी से नजदीकी भी ऐसे सवाल खड़े करती है. लेकिन कुमार विश्‍वास ने भी जाहिर नहीं किया कि वो किसके समर्थन में हैं. उन्‍होंने कहा, 'एकदम पता चल गया है उत्तर प्रदेश को कि सांप्रदायिकता को हराना है, हिंदू मुसलमान का विभेद करने वालों और तुष्टिकरण करने वालों को हराना है. जो विकास की बात करेगा, वंशवाद और परिवारवाद से बाहर आना चाहेंगे और जो निजि आभा और प्रतिभा के दम पर उत्तर प्रदेश चलाना चाहेंगे उन्‍हें ही वोट मिलेगा.'

ख़ास लोगों ने अपने पत्ते नहीं खोले लेकिन साहिबाबाद के सबसे बड़े और अहम इलाके खोड़ा के लोगों ने अपना वोटिंग पैटर्न बताया. लोगों ने बताया कि वो एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं.

लोकतंत्र में वोट देना जरूरी है लेकिन बिना सोचे समझे एक ही पार्टी को वोट देना भी कोई समझदारी नहीं होती. फिर भी साहिबाबाद में 18 से लेकर 80 साल तक तक के लोगों को वोट देते देखना एक लोकतंत्र के लिए अच्छा है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com