शपथग्रहण समारोह के दौरान स्‍टालिन का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था : जयललिता

शपथग्रहण समारोह के दौरान स्‍टालिन का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था : जयललिता

तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता (फाइल फोटो)

चेन्नई:

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने चुनावी प्रतिद्वंद्विता को पीछे छोड़ने के महत्वपूर्ण संकेत के तौर पर द्रमुक कोषाध्यक्ष एम के स्टालिन को इसके लिए धन्यवाद दिया कि वह उनके शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। जयललिता ने कहा कि वह भविष्य में राज्य के विकास के लिए उनकी पार्टी (द्रमुक) के साथ काम करना चाहती हैं।

जयललिता के शपथग्रहण कार्यक्रम में स्टालिन को पीछे की पंक्ति में सीट आवंटित करने को लेकर उत्पन्न विवाद के एक दिन बाद जयललिता ने कहा कि उनका (स्टालिन) या उनकी पार्टी का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि एम के स्टालिन (विधायक) ने नये मंत्रिपरिषद के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लिया। मैं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं।’’ उन्होंने कहा कि स्टालिन उन सीटों के खंड में बैठे थे जो कि विधानसभा सदस्यों के लिए निर्धारित थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सूचित किया गया है कि लोक विभाग ने कार्यक्रम के लिए सभागार में सीट आवंटित करने में प्रोटोकाल नियमों का पालन किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस बैठने की व्यवस्था से उन्हें कोई परेशानी हुई है, मैं उन्हें भरोसा दिलाना चाहती हूं कि उनका या उनकी पार्टी का अनादार करने का कोई इरादा नहीं था।’’ जयललिता ने कहा, ‘‘यदि अधिकारी यह मेरे संज्ञान में लाए होते कि एम के स्टालिन कार्यक्रम में आएंगे तो मैंने व्यवस्था का प्रभार संभालने वाले अधिकारियों को निर्देश दिया होता कि प्रोटोकज्ञूल नियमावली के नियमों में छूट देते हुए उन्हें प्रथम पंक्ति में सीट आवंटित करें।’’ उन्होंने स्टालिन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह ‘‘राज्य की भलाई के लिए उनकी पार्टी (द्रमुक) के साथ काम करना चाहती हैं।’’ अन्नाद्रमुक और द्रमुक नेताओं का सार्वजनिक कार्यक्रमों में एकदूसरे से मिलना और एकदूसरे से दुआ सलाम करना बहुत दुर्लभ है और इस संबंध में जयललिता की टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि स्टालिन अपनी पार्टी के कुछ विधायकों के साथ मद्रास विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में पिछली पंक्ति में बैठे थे जहां जयललिता ने छठी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

द्रमुक प्रमुख करफणानिधि ने अपने पुत्र स्टालिन के बैठने के लिए किये इंतजाम के बारे में शिकायत करते हुए कहा था कि शपथग्रहण समारोह में उनकी पार्टी का ‘‘अपमान’’ हुआ।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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