नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को आयकर विभाग ने चंदे को लेकर लगे आरोपों के सिलसिले में नोटिस भेजा है। मंगलवार को चुनाव परिणाम घोषित होने से एक दिन पहले भेजे गए नोटिस में 'आप' से 16 फरवरी तक सात सवालों का जवाब मांगा गया है।
दरअसल, चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्यों द्वारा स्थापित एक ग्रुप 'अवाम' ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर फर्जी कंपनियों से दो करोड़ रुपये का चंदा लेने का आरोप लगाया था। आरोप था कि पिछले साल 15 अप्रैल की रात को जिन चार कंपनियों ने 'आप' को 50-50 लाख रुपये का चंदा दियया था, उनके पते फर्जी हैं, वे कोई कारोबार नहीं करतीं, और संभवतः ये रकम हवाला के जरिये भेजी गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी इसे 'हवाला एट मिडनाइट' के नाम से पुकारा।
नोटिस में 'आप' से पूछा गया है कि...
- 50 लाख रुपये की रसीद की पुष्टि करें...
- क्या 'आप' ने इन कंपनियों के साथ कोई और लेन-देन भी किया है...?
- लेन-देन किस प्रकार का था...?
- चूंकि दिए गए पतों पर कंपनियों और निदेशकों को नहीं तलाशा जा सका है, इसलिए पते दीजिए...
- जिन लोगों ने रकम दी थी, उनका विवरण दीजिए...
आम आदमी पार्टी को चंदे के रूप में मिलने वाली बड़ी रकमों की छानबीन करने वाली पार्टी की राजनैतिक मामलों की समिति के सदस्य पंकज गुप्ता ने इस मुद्दे पर कहा, "हम नोटिस का जवाब लिखित में देंगे, या खुद प्रस्तुत होकर भी दे सकते हैं... वे इन कंपनियों से भी पूछताछ कर सकते हैं..."
'आप' ने इन आरोपों को सिरे से नकारा था, और इन्हें चुनाव से पहले पार्टी की छवि खराब करने के लिए किया गया षडयंत्र करार दिया था। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार को चुनौती भी दी थी कि वह किसी भी केंद्रीय एजेंसी से मामले की जांच कराए, और अगर वे दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर ले।
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