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This Article is From Jan 08, 2021

पश्चिमी रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, पहली बार महिला स्टाफ क्रू ने चलाई मालगाड़ी

भारतीय रेलवे (Indian Railways) की महिला कर्मचारियों ने एक नई कामयाबी हासिल की है. पश्चिम मुंबई के मुंबई डिविजन में तीन महिला रेलकर्मियों ने पहली बार महाराष्ट्र के पास वसई रोड स्टेशन से गुजरात के वडोदरा स्टेशन तक मालगाड़ी (freight train) चलाई है.

पश्चिमी रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, पहली बार महिला स्टाफ क्रू ने चलाई मालगाड़ी
पश्चिमी रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान, पहली बार महिला स्टाफ क्रू ने चलाई मालगाड़ी

भारतीय रेलवे (Indian Railways) की महिला कर्मचारियों ने एक नई कामयाबी हासिल की है. पश्चिम मुंबई के मुंबई डिविजन में तीन महिला रेलकर्मियों ने रेलवे के संचालन में पुरुषों के एकाधिकार को खत्म करते हुए पहली बार महाराष्ट्र के पास वसई रोड स्टेशन से गुजरात के वडोदरा स्टेशन तक मालगाड़ी (freight train) चलाई है. पश्चिम रेलवे (Western Railway)में ऐसा पहली बार हुआ है, जब संपूर्ण महिला क्रू (entire women's crew) ने इतने लंबे रूट के लिए मालगाड़ी का संचालन किया है. पश्चिम रेलवे की ओर से कहा गया है कि 'पहली बार पूरी महिला क्रू ने 5 जनवरी, 2021 को वसई रोड (महाराष्ट्र) से वडोदरा (गुजरात) तक एक मालगाड़ी का परिचालन कर नया कीर्तिमान कायम किया. यह महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण है.'

कुमकुम सूरज डोंगरे, उदिता वर्मा और अकांक्षा राय ने भारतीय महिलाओं के लिए सफलता का एक नया रास्ता खोल दिया है. बीते 5 जनवरी को उन्होंने महाराष्ट्र के वसई रोड रेलवे स्टेशन से गुजरात के वडोदरा स्टेशन तक संपूर्ण वूमेन क्रू वाली मालगाड़ी संचालन किया. इस मालगाड़ी के संचालन में कुमकुम सूरज डोंगरे ने लोको पायलट और उदिता वर्मा ने सहायक लोको पायलट की जिम्मेदारी निभाई.

रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्विटर पर लिखा, "महाराष्ट्र के वसई रोड से गुजरात के वडोदरा तक मालगाड़ी का कुशलता से संचालन कर हमारी महिला कर्मचारियों ने सशक्तिकरण का एक अद्भुत उदाहरण सामने रखा है. इस ट्रेन में लोको पायलट से लेकर गार्ड तक की जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों द्वारा संभाली गयी."

पश्चिम रेलवे के चीफ स्पोक्सपर्सन सुमित ठाकुर (Sumit Thakur) ने बताया, 'यह पहली बार था जब पूरी तरह महिला क्रू ने गुड्स ट्रेन को ऑपरेट किया है. लोको पायलट और गुड्स गार्ड के काम में लंबी दूरी का सफर तय करना होता है. चुनौती को देखते हुए बहुत कम महिलाएं ही इस काम के लिए आगे आती हैं.' उन्होंने कहा, 'यह गेम चेंजर उपलब्धि है. इससे दूसरी महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी. अब महिलाएं रेलवे के हर डिपार्टमेंट में काम कर रही हैं. कई महिलाएं हैवी ड्यूटी वाले वे काम भी कर रही हैं, जो अब तक पुरुषों के लिए ही माने जाते थे.'

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