नई दिल्ली : इरादे अगर पक्के हों तो कामयाबी कदम चूमती ही है, कुछ ऐसे ही कर दिखाया है दिल्ली के डीपीएस, आरके पुरम के छात्र तपस भारद्वाज ने।
तपस दोनों आंखों से देखने में असमर्थ हैं, लेकिन ये कमज़ोरी उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं बन सकी और CBSE की 12वीं की परीक्षा में उन्होंने 90 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाकर डिसएबल कैटेगरी में टॉप किया है।
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज के रहने वाले तपस के जन्म के छह महीने बाद ही डॉक्टर ने इनके माता-पिता को बताया कि वही कभी देख नहीं सकता। मां-बाप ने कई जगह उनका इलाज कराया, इसके बावजूद उनकी आंखों की रोशनी नहीं आई। बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होशियार तपस को मां-बाप ने ब्रेल लिपि से पढ़ाई करवाई। मेहनती तपस ने आम बच्चों के साथ पढ़ने की हिम्मत दिखाई और उन्होंने लैपटॉप के माध्यम से पढ़ाई शुरू की।
तपस ने बताया कि वह किताबों के ऑडियो सुनते हैं और उन्हें समझकर याद रखते हैं। 12वीं की परीक्षा में उन्हें सीबीएसई ने राइटर रखने की छूट दी। तपस आगे चलकर ज्युडिशियरी सर्विस में जाना चाहते हैं और इस क्षेत्र में कामयाबी की झलक भी उन्होंने दिखा दी है। उन्होंने आईपी यूनिवर्सिटी के लॉ इंट्रेंस के डिसएबल कैटेगरी में टॉप किया है। साथ ही नेशनल लॉ स्कूल की प्रवेश परीक्षा में भी 35वां स्थान हासिल किए हैं।
तपस का सपना प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का है। तपस की कामयाबी के पीछे परिवार का भी काफी हाथ है। तपस को रोजाना उनकी मां स्कूल लेकर जाती थीं और जब तक वह स्कूल में रहते, उनकी मां भी स्कूल में ही रहती थीं। तपस की मां ने बताया कि तपस पढ़ने के अलावा गाना गाने और वाद-विवाद के भी शौकीन हैं।
तपस दोनों आंखों से देखने में असमर्थ हैं, लेकिन ये कमज़ोरी उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं बन सकी और CBSE की 12वीं की परीक्षा में उन्होंने 90 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाकर डिसएबल कैटेगरी में टॉप किया है।
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज के रहने वाले तपस के जन्म के छह महीने बाद ही डॉक्टर ने इनके माता-पिता को बताया कि वही कभी देख नहीं सकता। मां-बाप ने कई जगह उनका इलाज कराया, इसके बावजूद उनकी आंखों की रोशनी नहीं आई। बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होशियार तपस को मां-बाप ने ब्रेल लिपि से पढ़ाई करवाई। मेहनती तपस ने आम बच्चों के साथ पढ़ने की हिम्मत दिखाई और उन्होंने लैपटॉप के माध्यम से पढ़ाई शुरू की।
तपस ने बताया कि वह किताबों के ऑडियो सुनते हैं और उन्हें समझकर याद रखते हैं। 12वीं की परीक्षा में उन्हें सीबीएसई ने राइटर रखने की छूट दी। तपस आगे चलकर ज्युडिशियरी सर्विस में जाना चाहते हैं और इस क्षेत्र में कामयाबी की झलक भी उन्होंने दिखा दी है। उन्होंने आईपी यूनिवर्सिटी के लॉ इंट्रेंस के डिसएबल कैटेगरी में टॉप किया है। साथ ही नेशनल लॉ स्कूल की प्रवेश परीक्षा में भी 35वां स्थान हासिल किए हैं।
तपस का सपना प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का है। तपस की कामयाबी के पीछे परिवार का भी काफी हाथ है। तपस को रोजाना उनकी मां स्कूल लेकर जाती थीं और जब तक वह स्कूल में रहते, उनकी मां भी स्कूल में ही रहती थीं। तपस की मां ने बताया कि तपस पढ़ने के अलावा गाना गाने और वाद-विवाद के भी शौकीन हैं।
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