
मध्य प्रदेश में तोप से गोले दागकर बताया जाता है इफ्तार-सहरी का समय. तस्वीर: प्रतीकात्मक
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मध्य प्रदेश में रमजान पर इफ्तार-सहरी का वक्त बताने का है अनोखा तरीका
मस्जिदों से तोप से गोले दागकर बताया जाता है इफ्तार-सहरी का समय
इस साल रंगीन धुंआ निकलने वाले दागे जाएंगे गोले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मस्जिद कमिटी ने रमजान के लिए खास तरह के गोले मंगवाए हैं. इन्हें दागे जाने पर रंगीन धुंए निकलेंगे. मसाजिद कमेटी के प्रभारी सेकेट्री यासिर अराफात के हवाले से बताया जा रहा है कि भोपाल के अलावा सीहोर व रायसेन जिलों की मस्जिदों में ये गोले भेजने का जिम्मा मसाजिद कमेटी के पास है. कमेटी भोपाल की 50, सीहोर में 30 व रायसेन जिले में 20 मस्जिदों को गोले भेजती है. रमजान पर हर मस्जिद को करीब 60 गोले दिए जाते हैं.
माहे रमजान में दागे जाने वाले गोले का खर्च मसाजिद कमेटी उठाती है. रमजान में इसे चलाने के लिए स्थानीय डीएम से खासतौर से लाइसेंस लिया जाता है. बताया जाता है कि रायसेन के किले में रखे पुराने तोप से ही सारे गोले दागे जाते हैं. इस तोप में आग के सहारे गोले दागे जाते हैं. तोप का मुंह आसमान की तरफ रखा जाता है ताकि किसी को नुकसान न हो.
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