भारत के खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानियां किसी से छिपी नहीं है. इस देश के कोने-कोने में टैलेंट की भरमार है. बिना किसी सुविधा और मदद के ये खिलाड़ी सिर्फ अपने दम पर विश्व में भारत का नाम रौशन कर देते हैं. वहीं, ये गर्व की भावना और तब बढ़ जाती है जब ये खिलाड़ी अपने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर दुनिया जीत जाते हैं. ऐसी ही एक मिसाल है महाराष्ट्र की एथलिट पूनम सोनूने (Poonam Sonune), जो अपनी बहन की शादी के पैसे जुटाने के लिए दौड़ीं और जीतीं.
महाराष्ट्र के बुलधाना जिले के सांग्वान गांव की 19 साल की पूनम सोनूने के पिता खेतों में मज़दूरी करते हैं. परिवार इतना सक्षम नहीं कि बेटियों को आगे बढ़ा सके और ठीक से शादी कर सके. लेकिन पूनम ने अपने स्कूल में ही अपना एथलिट कौशल दिखाया. स्कूल ने (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) नाम की खिलाड़ियों की मदद करने वाली संगठन की मदद से पूनम को दौड़ में हिस्सा लेने के लिये भेजा. इंडियन बॉक्सर विजेंद्र सिंह (Vijender Singh) खिलाड़ियों के लिए इस संगठन को चलाते हैं.
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पूनम ने साल 2018 में हुए साउथ एशियन जूनियर एथलिस्ट कॉम्पिटिशन में 3000 मीटर की रेस में (2018 South Asian Junior Athletics for 3000m race) गोल्ड मेडल जीता.
वहीं, हाल ही में हुए पुणे हाफ मैराथन (Pune half marathon) में पूनम से हिस्सा लिया और करीब 1.25 लाख का इनाम जीता. इस जीती हुई रकम से पूनम अब अपनी बहन की शादी करवा पाएंगी. लेकिन उसमें शामिल नहीं हो पाएंगी. क्योंकि पूनम साउथ एशियन गेम्स (South Asian Games) में सेलेक्ट हुई हैं और उसी दौरान उनकी बहन की शादी है.
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