यह ख़बर 28 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लोकसभा के 80 फीसदी से ज्यादा सांसद स्नातक

खास बातें

  • पिछले हफ्ते ओम पुरी ने रामलीला मैदान में हजारे के आंदोलन का समर्थन करते हुए सांसदों की शिक्षा के स्तर के मामले को फिर भड़का दिया।
नई दिल्ली:

हमारे सांसद कानून में सक्षम होने के लिए भले ही अन्ना समर्थकों के निशाने पर हों लेकिन सच्चाई यह है कि लोकसभा में 80 फीसदी से ज्यादा सांसद स्नातक हैं जबकि 30 फीसदी के पास परास्नातक और डॉक्टरेट की डिग्री है। लोकसभा से जुड़े अधिकारियों ने कहा, संविधान में चुनाव लड़ने के लिए कोई औपचारिक योग्यता की बात नहीं है लेकिन हमारा अनुभव है कि उचित शिक्षा के स्तर के बिना बहुत कम लोग हैं या देश की विधायिका में ऐसे लोग लगभग नहीं हैं। पिछले हफ्ते अभिनेता ओम पुरी ने रामलीला मैदान में हजारे के आंदोलन का समर्थन करते हुए हमारे सांसदों की शिक्षा के स्तर के मामले को फिर भड़का दिया। बहरहाल आंकड़ों से पता चलता है कि 15वें लोकसभा में कोई भी अनपढ़ नहीं है। करीब 50 फीसदी सांसद या तो स्नातक हैं या फिर उनके पास परास्नातक डिग्री है। संपूर्ण रूप से 80.74 फीसदी सदस्यों के पास स्नातक या इससे बड़ी डिग्री है। करीब 24 सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है। केवल 20 सांसदों की शिक्षा मैट्रिक से कम हुई है और 32 मैट्रिक पास हैं। निचले सदन में 291 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं जबकि 184 फिर से निर्वाचित होकर आए हैं।


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