मेलबर्न:
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हमारी आकाशगंगा में नूडल्स, लसानिया शीट्स या हेजल नट्स जैसी रहस्यमयी अदृश्य आकृतियां तैर रहीं हो सकती हैं। यह उपलब्धि मिल्की वे (आकाशगंगा) में गैसों की स्थिति को लेकर हमारी समझ को मूल रूप से चुनौती दे सकती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ये आकृतियां हमारी आकाशगंगा में तारों के बीच फैली गैस की पतली परत में 'ढेरों' की तरह दिखाई देते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) के प्रथम शोध लेखक कीथ बैनिस्टर ने कहा, वे तारों के बीच फैली गैस के बारे में सोच को मूल रूप से बदल सकती हैं। यह गैस आकाशगंगा के तारों के पुनर्चक्रण का भंडार होती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने इनमें से एक 'ढेर' को लेकर उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताया, जिससे उन्होंने इसकी आकृति का पहला अनुमान लगाया होगा। खगोलविदों को रहस्यमयी वस्तुओं के बारे में पहला संकेत 30 साल पहले मिला था।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ये आकृतियां हमारी आकाशगंगा में तारों के बीच फैली गैस की पतली परत में 'ढेरों' की तरह दिखाई देते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) के प्रथम शोध लेखक कीथ बैनिस्टर ने कहा, वे तारों के बीच फैली गैस के बारे में सोच को मूल रूप से बदल सकती हैं। यह गैस आकाशगंगा के तारों के पुनर्चक्रण का भंडार होती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने इनमें से एक 'ढेर' को लेकर उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताया, जिससे उन्होंने इसकी आकृति का पहला अनुमान लगाया होगा। खगोलविदों को रहस्यमयी वस्तुओं के बारे में पहला संकेत 30 साल पहले मिला था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं