नई दिल्ली:
इस दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जिससे शायद आप वाकिफ नहीं होंगे. आए दिन हमें ऐसी अजीबोगरीब जगहों के बारे में पता चल रहा है, जिसके बारे में हमने कभी कल्पना भी नहीं किया, लेकिन जो चीजें सामने निकल आ रही हैं, उससे यह तो साफ होता है कि इसमें कहीं न कहीं कुछ तो सच्चाई जरूर छुपी हुई है. ऐसी क्रम में आज हम आपको प्रकृति की गोद में फैला एक पर्वत अरावली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में इतिहासकारों का मानना है कि इस पर्वत के पास एक ज्वालामुखी है, लेकिन इस ज्वालामुखी में हजारों साल से कोई विस्फोट नहीं हुआ है. बता दें, राजस्थान और हरियाणा की सीमा पर अरावली श्रेणी में स्थित धोसी पहाड़ी ज्वालामुखी के मुंहाना जैसी भी दिखती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस ज्वालामुखी को धोसी पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस धोसी पहाड़ी से आयुर्वेद से संबंधित कई रहस्य जुड़े हुए हैं. क्या आप जानते हैं कि हमेशा जवान और खूबसूरत दिखने के लिए कौन औषधि है. अगर नहीं जानते तो बता दें, इस औषधि का नाम कायाकल्प है. यह एक ऐसी औषधि है, जिससे त्वचा तो अच्छी होती ही है और स्वास्थ्य भी दिनोंदिन बेहतर होता जाता है.
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो आयुर्वेद की सबसे महान खोज च्यवनप्राश को माना जाता है, पर शायद ही कोई यह जानता होगा कि च्यवनप्राश जैसी आयुर्वेदिक दवा धोसी पहाड़ी की देन है. धोसी पहाड़ी का रहस्य आज भी कायम है कि आखिरकार इसमें ऐसा क्या है जो महान वेदों, महान व्यक्तियों, ऋषियों के महान गुण अपने अंदर स्थापित कर लेती है और साथ में यह भी कि जब यह पहाड़ी ज्वालामुखी है तो कभी भी इसमें कोई विस्फोट क्यों नहीं हुआ है. महाभारत महाकाव्य के अनुसार इस पहाड़ी की उत्पत्ति त्रेता युग में हुई थी.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस ज्वालामुखी को धोसी पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस धोसी पहाड़ी से आयुर्वेद से संबंधित कई रहस्य जुड़े हुए हैं. क्या आप जानते हैं कि हमेशा जवान और खूबसूरत दिखने के लिए कौन औषधि है. अगर नहीं जानते तो बता दें, इस औषधि का नाम कायाकल्प है. यह एक ऐसी औषधि है, जिससे त्वचा तो अच्छी होती ही है और स्वास्थ्य भी दिनोंदिन बेहतर होता जाता है.
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो आयुर्वेद की सबसे महान खोज च्यवनप्राश को माना जाता है, पर शायद ही कोई यह जानता होगा कि च्यवनप्राश जैसी आयुर्वेदिक दवा धोसी पहाड़ी की देन है. धोसी पहाड़ी का रहस्य आज भी कायम है कि आखिरकार इसमें ऐसा क्या है जो महान वेदों, महान व्यक्तियों, ऋषियों के महान गुण अपने अंदर स्थापित कर लेती है और साथ में यह भी कि जब यह पहाड़ी ज्वालामुखी है तो कभी भी इसमें कोई विस्फोट क्यों नहीं हुआ है. महाभारत महाकाव्य के अनुसार इस पहाड़ी की उत्पत्ति त्रेता युग में हुई थी.
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