वित्त मंत्री अरुण जेटली
नई दिल्ली:
भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय को संभालने वाले अरुण जेटली आज जन्मदिन है. 28 दिसंबर 1952 को जन्मे जेटली 1973 में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन में एक महत्वपूर्ण नेता के तौर पर उभरे थे. जय प्रकाश नारायण ने उन्हें 'नेशनल कमिटि फॉर स्टूडेंट एंड युथ ऑर्गेनाइजेशन' का कन्वीनर बनाया था. 1999 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो उस समय जेटली को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में अरुण जेटली अपना चुनाव हार गए लेकिन जब सरकार बनी तो वो केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे.
अरुण जेटली का तंज, बोले- जब बीजेपी है तो 'क्लोन' की क्या जरूरत
अरुण जेटली के साथ एक दिलचस्प वाकया जुड़ा हुआ है. बात 2009 की है. अरुण जेटली अपने नाम से वेबसाइट बुक कराने की कोशिश कर रहे थे तो पता चला कि उनके नाम से पहले ही किसी ने डोमेन बुक करा लिया है. अब उनके अपने नाम से डोमेन बुक नहीं हो सकता था. उन्हें थोड़ा अचम्भा हुआ कि 35 साल से राजनीति में सक्रिय हूं, मंत्री रहा हूं, सब लोग मुझे जानते है फिर कोई कैसे मेरे नाम से खुद के लिए डोमेन बुक करा सकता है? नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने यह काम किया था.
अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय से हटाने की मांग
अरुण जेटली को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने उस कंपनी को कई मेल किए और यह आग्रह किया कि डोमेन नेम मुक्त करे ताकि वो अपना डोमेन नेम बुक करा सके. बात बनी नहीं और मामला कोर्ट में पहुंच गया. दिल्ली के हाई कोर्ट में (केस संख्या: CS(OS) 1745/2009 & I.A. No. 11943/2009 & 17485/2010 ) 2009 में मामला दर्ज हुआ. अरुण जेटली के वकील की ओर से दलील पेश की गई और यह कहा गया कि आमलोग जब अरुण जेटली का नाम सुनते हैं तो उनका आशय इन्हीं अरुण जेटली से होता है जो कि राजनीतिक जीवन में सक्रिय है. ऐसे में कोई कैसे इनके नाम पर डोमेन बुक करा सकता है. आखिरकार 4 जुलाई 2011 को जेटली के पक्ष में फैसला आया. अब www.arunjaitley.com अरुण जेटली की वेबसाइट है.
VIDEO: अरुण जेटली ने कहा, राजनीति कोई क्रिकेट नहीं है
Warm birthday greetings to my valued colleague Shri @arunjaitley Ji. I pray for his long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2017
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अरुण जेटली के साथ एक दिलचस्प वाकया जुड़ा हुआ है. बात 2009 की है. अरुण जेटली अपने नाम से वेबसाइट बुक कराने की कोशिश कर रहे थे तो पता चला कि उनके नाम से पहले ही किसी ने डोमेन बुक करा लिया है. अब उनके अपने नाम से डोमेन बुक नहीं हो सकता था. उन्हें थोड़ा अचम्भा हुआ कि 35 साल से राजनीति में सक्रिय हूं, मंत्री रहा हूं, सब लोग मुझे जानते है फिर कोई कैसे मेरे नाम से खुद के लिए डोमेन बुक करा सकता है? नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने यह काम किया था.
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अरुण जेटली को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने उस कंपनी को कई मेल किए और यह आग्रह किया कि डोमेन नेम मुक्त करे ताकि वो अपना डोमेन नेम बुक करा सके. बात बनी नहीं और मामला कोर्ट में पहुंच गया. दिल्ली के हाई कोर्ट में (केस संख्या: CS(OS) 1745/2009 & I.A. No. 11943/2009 & 17485/2010 ) 2009 में मामला दर्ज हुआ. अरुण जेटली के वकील की ओर से दलील पेश की गई और यह कहा गया कि आमलोग जब अरुण जेटली का नाम सुनते हैं तो उनका आशय इन्हीं अरुण जेटली से होता है जो कि राजनीतिक जीवन में सक्रिय है. ऐसे में कोई कैसे इनके नाम पर डोमेन बुक करा सकता है. आखिरकार 4 जुलाई 2011 को जेटली के पक्ष में फैसला आया. अब www.arunjaitley.com अरुण जेटली की वेबसाइट है.
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