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This Article is From Mar 30, 2020

कोरोनावायरस का पहला मरीज मुंबई के अस्पताल में आया तो ऐसे हो गए थे हालात, नर्स ने सुनाई पूरी कहानी...

महाराष्ट्र (Maharashtra) के हॉस्पिटल में काम कर रही एक नर्स ने अपना अनुभव शेयर किया है. नर्स ने फेमस फेसबुक पेज 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' (Humans of Bombay) से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि क्या हुआ था जब अस्पताल में कोरोनावायरस का पहला मरीज आया था.

कोरोनावायरस का पहला मरीज मुंबई के अस्पताल में आया तो ऐसे हो गए थे हालात, नर्स ने सुनाई पूरी कहानी...
नर्स ने बताया कि क्या हुआ था जब अस्पताल में कोरोनावायरस का पहला मरीज आया था.

कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप पूरे देश में जारी है. अभी तक इस बीमारी से 1000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं 29 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ इस महामारी के प्रकोप के बीच हॉस्पिटल (Hospital) में काम कर रहे डॉक्टर (Doctors) और नर्स (Nurse) की बहुत मेहरबानी है कि वह इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ खड़े हैं. जैसा कि आपको पता है भारत (India) के सभी राज्य कोरोनावायरस (Coronavirus) से प्रभावित है लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या दूसरे राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. आज हम आपको महाराष्ट्र (Maharashtra) के हॉस्पिटल में काम कर रही एक नर्स का अनुभव आपसे शेयर कर रहे हैं. इस नर्स ने फेमस फेसबुक पेज 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' (Humans of Bombay) से खास बातचीत की.

नर्स से पूछा गया 'जब आपको COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में ड्यूटी लगी तो आपका कैसा रिएक्शन था? जवाब में नर्स ने कहा, 'मैं झूठ नहीं बोलूंगी.... जब COVID -19 फैलने लगा, तभी सभी नर्सों की ड्यूटी लगा दी गई थी. इस बात का पता जब मेरी बेटी को चला, तो उसने मुझे कहा कि मां आप प्लीज ड्यूटी पर मत जाओ.'' 

उन्होंने आगे कहा, ''हॉस्पिटल से जब मुझे फोन आया, तभी मैंने खुद को दिमागी रूप से तैयार कर लिया था. ठीक है मैं जाउंगी. और दूसरी तरफ यह भी बात होती है कि जब आपको ड्यूटी के लिए फोन आ जाता है तो आपके पास कोई 'प्लान B' नहीं होता. उसके बाद मैं ड्यूटी के लिए निकली और मेरे पति ने घर संभाला.''

उन्होंने कहा, ''ड्यूटी पर निकलने से लेकर वापस घर आने तक मुझे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. क्योंकि आप ड्यूटी जाते वक्त या वापस आते वक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते क्योंकि अगर किसी कारण से कोरोनावायरस फैला तो इसकी वजह से कई लोगों की जान मुश्किल में पड़ सकती है.''

नर्स आगे कहती हैं कि कुछ दिन तक पति मुझे हॉस्पिटल में छोड़ने आते थे लेकिन बाद में हम सभी नर्सों ने सोचा क्यों न 'कार पूल' से आया जाए, लेकिन इसमें भी कोरोनावायरस फैलने का जोखिम था. फिर बाद में हमने सोचा कि ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल में ही रहना ठीक होगा. उस वक्त हॉस्पिटल में रहना 'वॉर जो'न में रहने के बराबर था.

नर्स बताती हैं कि मुझे आज भी याद है कि कोरोनावायरस का पहला केस जब हॉस्पिटल में आया तो मरीज खुद भी घबराया हुआ था उसे देखकर हम लोगों को भी घबराहट हो रही थी. बिल्कुल 'वार जोन' वाली फिलिंग आ रही थी. उस दिन आराम करने के लिए एक मिनट तक का समय नहीं मिला था. जब मरीज  हॉस्पिटल में अपने कोरोनावायरस के टेस्ट करवाने आता है और टेस्ट नेगेटिव आता है तब मरीज और डॉक्टर दोनों के चेहरे पर खुशी देखने लायक होती है.

नर्स, लोगों को सलाह देते हुए कहती हैं कि कोरोनावायरस से बचने का सिर्फ और सिर्फ एक ही उपाय है, घर पर रहें और साफ- सफाई का ध्यान रखें. किसी चीज की बहुत जरूरत पड़े तभी निकले बेवजह बाहर न निकलें. एक बार यह महामारी खत्म हो जाए उसके बाद, हम सब मिलकर सेलिब्रेट करेंगे.

बता दें कि 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' ने अपने फेसबुक पेज पर नर्स की आपबीती पोस्ट की है. इस पोस्ट पर अबतक 27,000 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं और 2,000 कमेंट. हैं. कई लोगों ने कमेंट करते हुए लिखा है कि इस महामारी के दौरान काम करने वाली नर्स को धन्यवाद.

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