
शेफ विकास खन्ना ने जान बचाने वाले मुस्लिम परिवार के साथ इफ्तार की
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शेफ विकास खन्ना को वो मुस्लिम परिवार मिल गया है जिसने उनकी जान बचाई थी
विकास ने उस परिवार के साथ अपना रोज़ा खोला और इफ्तार की
मुस्लिम परिवार ने मुंबई दंगों में विकास खन्ना की जान बचाई थी
शेफ विकास खन्ना ने सुनाई आपबीती
विकास ने सोमवार को ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरकार वो मुस्लिम परिवार मिल गया है जिसने दंगों में उनकी जान बचाई थी और अब वे उन्हीं के साथ अपना रोज़ा खोलेंगे. बाद में उन्होंने उस परिवार से मिलने के बाद साथ में इफ्तार की और ट्वीट किया: 'दिल को छू लेने वाली शाम. दिल. आंसू. दर्द. गर्व. हिम्मत. इंसानियत. आभार.'
Heartwarming evening.
— Vikas Khanna (@TheVikasKhanna) June 12, 2018
All Heart. Tears. Pain. Pride. Courage. Humanity. Gratitude. This will be the most significant and important EID of my life. Thank you everyone to connect me with my souls. pic.twitter.com/apdposBSDe
आपको बता दें कि साल 2015 में विकास खन्ना ने मुंबई दंगों के दर्द को बयां करते एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी: 'दिसंबर 1992 में जिस वक्त दंगे भड़के मैं उस वक्त मुंबई के सीरॉक शेराटन में ट्रेनिंग ले रहा था. हम कई दिनों तक होटल में ही कैद रहे. इकबाल खान, वसीम भाई (ट्रेनी शेफ और वेटर जिनसे हमेशा के लिए मेरा संपर्क टूट गया है) और उनके परिवार वालों ने उस वक्त मुझे पनाह दी और मेरा खयाल रखा. तब से मैं उन्हें धन्यवाद देने और उन्हें अपनी प्रार्थना में याद रखने के लिए रमज़ान के पाक महीने में एक दिन का रोज़ा रखता हूं. आप सभी को प्यार.'
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पिछले साल एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शेफ विकास खन्ना ने विस्तार से उस घटना के बारे में बताते हुए कहा था कि कर्फ्यू की वजह से होटल का स्टाफ न तो बाहर जा पा रहा था और न ही अंदर आ पा रहा था. एक दिन उन्होंने सुना कि घाटकोपर में दंगों की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं. उन्हें अपने उस भाई की चिंता होने लगी जो उसी इलाके में रहता था. उन्हें वहां जाने का रास्ता नहीं मालूम था लेकिन फिर भी वे घाटकोपर की तरफ निकल पड़े.
इंटरव्यू में विकास ने बताया कि रास्ते में उन्हें एक मुस्लिम परिवार ने आगे न जाने की सलाह दी और उन्हें घर के अंदर कर लिया. तभी उस परिवार के घर में भीड़ आ धमकी और उनसे पूछने लगे कि ये लड़का कौन है. तब परिवार ने भीड़ को बताया, 'ये हमारा बेटा है.' फिर भीड़ वहां से चली गई.
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अगले दो दिनों तक विकास उन्हीं के घर में रहे. उस मंजर को याद करते हुए विकास ने कहा था, 'मुझे नहीं मालूम था कि वो लोग कौन हैं और मैं उस वक्त कहां था. यही नहीं उसी परिवार ने अपने किसी रिश्तेदार को भेजकर शेफ विकास के भाई के बारे में पता लगाया कि वो पूरी तरह सुरक्षित है.
सोशल मीडिया पर भी उस मुस्लिम परिवार के साथ विकास खन्ना के मिलन की खूब तारीफ हो रही है.
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