25 दिनों तक मिट्टी में दबा रहकर भी जिंदा बचा बच्चा. तस्वीर: प्रतीकात्मक
केपटाउन:
'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय'. यूं तो भारत में यह कहावत प्रचलित है, लेकिन यह इस बार दक्षिण अफ्रीका में सच साबित हुई. यहां के पैडॉक शहर में एक बच्चा तीन दिन तक जमीन के अंदर दफन रहा, फिर भी वह जिंदा बच गया. पूर्वी दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलू-नेटल प्रांत के टिंबर की फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ी. जब वे जब नजदीक गए तो उन्हें जोर-जोर से रोने की आवाज सुनाई पड़ी. उन्होंने मिट्टी हटाकर देखा तो उन्हें जमीन के अंदर जिंदा बच्चा मिला. फौरन उसे अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया. डेली मेल की खबर के मुताबिक यह बच्चा उसी टिंबर फैक्ट्री में काम करने वाली 25 वर्षीय महिला का है. उसने बताया कि यह उसका दूसरा बच्चा है और उसी ने उसे दफनाया था.
महिला का कहना है कि उसके मां-पिता नहीं चाहते थे कि वह दोबारा मां बने, इसलिए उसने अपने बच्चे को दफना दिया था. महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं बच्चे को पोर्ट सेपस्टोन रिजनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
इसी साल जनवरी में भारत के हजारीबाग में एक नौ साल के बच्चे को मिट्टी में दफना दिया गया था. सूचना के बाद पुलिस ने गड्ढे को खोदकर बच्चे को सही सलामत निकाल लिया. बरही अनुमंडल अस्पताल में इलाज के बाद बच्चे को परिवार वालों को सौंप दिया गया.
महिला का कहना है कि उसके मां-पिता नहीं चाहते थे कि वह दोबारा मां बने, इसलिए उसने अपने बच्चे को दफना दिया था. महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं बच्चे को पोर्ट सेपस्टोन रिजनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
इसी साल जनवरी में भारत के हजारीबाग में एक नौ साल के बच्चे को मिट्टी में दफना दिया गया था. सूचना के बाद पुलिस ने गड्ढे को खोदकर बच्चे को सही सलामत निकाल लिया. बरही अनुमंडल अस्पताल में इलाज के बाद बच्चे को परिवार वालों को सौंप दिया गया.
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