नई दिल्ली:
भारत सरकार ने अपने नागरिकों को शुक्रवार को सलाह दी कि वे जल्द से जल्द यमन छोड़ दें। यमन में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच बढ़ती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए यह सलाह दी गई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यमन के हालात और बढ़ती हिंसक घटनाओं को देखते हुए वहां रह रहे सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी उपलब्ध साधन से यमन से निकल आएं। यमन की राजधानी सना में सोमवार से अब तक सरकारी सुरक्षा बलों और कबायली विद्रोहियों के बीच हिंसक झड़पों में करीब 70 लोग मारे जा चुके हैं। जो भारतीय वहां से निकलने में सक्षम नहीं हैं उन्हें किसी अपरिहार्य परिस्थिति को छोड़कर बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। सलाह में कहा गया है, "यमन की राजधानी सना में भारतीय दूतावास और राजदूत काम करते रहेंगे और वहां से निकलने तक किसी भी सहायता के लिए भारतीय नागरिक उनसे सम्पर्क कर सकते हैं।" अमेरिका और ब्रिटेन जैसे अन्य देश पहले ही अपने नागरिकों को यमन छोड़ने की सलाह दे चुके हैं। गौरतलब है कि रविवार को यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुला सालेह ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वहां झड़पें शुरू हो गईं। सालेह यमन में वर्ष 1978 से राष्ट्रपति पद पर काबिज हैं। वर्ष 2006 में हुए दोबारा चुनाव वह जीत नहीं पाए। उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सालेह ने वर्ष 2013 से राष्ट्रपति का चुनाव न लड़ने का वादा किया है।
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