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This Article is From Mar 29, 2011

यमन में विस्फोट में 110 मरे

सना: यमन के दक्षिणी प्रांत अबयान के जार कस्बे में सोमवार को एक हथियारों की फैक्टरी में हुए सिलसिलेवार विस्फोट के बाद राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इन विस्फोटों में कम से कम 110 लोग मारे गए हैं। विपक्षी पार्टी ने विस्फोटों की निंदा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि वह नागरिकों की सुरक्षा करने में असफल हुई है। समाचार पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' ने देश के अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि सेना ने देशभर में स्थित अपनी सुरक्षा चौकियों को छोड़ दिया है। इनमें वे स्थान भी शामिल हैं जहां विद्रोहियों ने सेना को लम्बे समय से चुनौती पेश की है। समाचार पत्र के मुताबिक राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की सरकार इस समय गम्भीर चुनौतियों का सामना कर रही है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सालेह मौके का फायदा अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं अथवा नहीं। विपक्षी पार्टी ज्वाइंट मीटिंग पार्टी (जेएमपी) ने सोमवार को अपने बयान में कहा, "सरकार द्वारा सेना और सुरक्षा बलों  को हटा लिए जाने के बाद यह भीषण विस्फोट हुआ है। सरकार आतंकवादी संगठन अल कायदा और सशस्त्र समूहों के पक्ष में है।" ज्ञात हो कि फैक्टरी में हुए विस्फोटों में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। एक दिन पहले हथियारों से लैस नकाबपोश हमलावरों ने इस फैक्टरी को लूटा था। विस्फोटों में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार मंगलवार को किए जाने की सम्भावना है। समाचार चैनल 'अल जजीरा' के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों को आशंका है कि फैक्टरी में आग सिगरेट की वजह से लगी। इस फैक्टरी से रायफलों का उत्पादन किया जाता था। सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया, "इस विस्फोट से काफी विनाश हुआ है। अबयान में यह पहले तरीके का विस्फोट है। अस्पताल में काफी संख्या में जले हुए शवों को लाया गया है। मैं स्थिति के बारे में बता नहीं सकता।" डॉक्टरों का कहना है कि शव इतने बुरी तरह जल चुके हैं कि उन्हें गिनने में परेशानी हो रही है। फैक्टरी में अभी भी लोगों के शव पड़े हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी इसकी आवाज अबयान से 15 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। समाचार एजेंसी साबा के अनुसार सुरक्षाबलों का कहना है कि इस हमले के पीछे अलकायदा का हाथ है। शक्तिशाली हमले के बाद अबयान के गर्वनर सालेह हुसैन अल-जावरी ने एक जांच समिति का गठन किया था। समीक्षकों द्वारा ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह विस्फोट राष्ट्रपति अली अब्दुलाह सालेह के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की ओर से उनका ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। उधर, सालेह ने सोमवार देर रात अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। उनका कहना है कि जो लोग उनके खिलाफ खड़े हुए हैं उन्हें चुनावों में शामिल होकर उनका विरोध करना चाहिए।

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