वाशिंगटन:
ईरान पर इस्राइली हमला एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले लेगा जिसमें अमेरिका भी शामिल हो सकता है और उसके हजारों सैनिक मारे जा सकते हैं। न्यूयार्क टाइम्स की खबर है कि अमेरिकी अधिकारियों को अगले साल के भीतर ईरान पर इस्राइली हमले की संभावना नजर आती है जिसको ध्यान में रखते हुए ऐसे हमले के परिणाम तथा अमेरिका की तैयारी का आकलन वाशिंगटन ने किया।
रिपोर्ट के अनुसार ‘क्लासीफाइड वार सिम्यूलेशन ’ नाम से यह आकलन इस माह किया गया। इसके अनुसार ऐसा हमला एक व्यापक क्षेत्रीय हमले का रूप ले सकता है जिसमें अमेरिका को भी उतरना पड सकता है और सैकड़ों सैनिक उसके मारे जा सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आकलन में ऐसी स्थिति पायी गयी कि ईरान के मिसाइलों ने फारस की खाडी में नौसेना के एक युद्धपोत पर हमला किया जिसमें 200 अमेरिकी सैनिक मारे गये। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया।
हालांकि यह रिहर्सल अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को ध्यान में रखकर नहीं निरूपित की गयी लेकिन इसने शीर्ष अमेरिकी योजनाकारों के बीच यह भय पैदा कर दिया कि ईरान के साथ टकराव बढ़ने की सूरत में अमेरिकी दखल को रोकना असंभव हो सकता है।
व्हाइट हाउस और पेंटागन के अधिकारियों ने चिंता जतायी है कि कोई भी इस्राइली हमले के परिणाम अमेरिका के लिये घातक हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार ‘इस्राइली जब सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि परमाणु बम बनाने से ईरान को रोकने के रास्ते बंद के कगार पर है तो अमेरिकी अधिकारियों को अगले साल तेहरान पर इस्राइली हमले की संभावना नजर आती है। उन्होंने निजी तौर पर बताया है कि इस्राइल शायद ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले के फैसले की जानकारी अमेरिका को न दे अथवा बहुम कम समय के भीतर दे।’ यह आकलन इस्राइली हमले की सूरत में उसके बाद फारस की खाडी और फ्लोरिडा में मध्य कमान मुख्यालय तथा पेंटागन में युद्ध से जुड़े स्टाफ के बीच आंतरिक सैन्य संचार एवं समन्वय को परखने के मकसद से किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार ‘क्लासीफाइड वार सिम्यूलेशन ’ नाम से यह आकलन इस माह किया गया। इसके अनुसार ऐसा हमला एक व्यापक क्षेत्रीय हमले का रूप ले सकता है जिसमें अमेरिका को भी उतरना पड सकता है और सैकड़ों सैनिक उसके मारे जा सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आकलन में ऐसी स्थिति पायी गयी कि ईरान के मिसाइलों ने फारस की खाडी में नौसेना के एक युद्धपोत पर हमला किया जिसमें 200 अमेरिकी सैनिक मारे गये। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया।
हालांकि यह रिहर्सल अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को ध्यान में रखकर नहीं निरूपित की गयी लेकिन इसने शीर्ष अमेरिकी योजनाकारों के बीच यह भय पैदा कर दिया कि ईरान के साथ टकराव बढ़ने की सूरत में अमेरिकी दखल को रोकना असंभव हो सकता है।
व्हाइट हाउस और पेंटागन के अधिकारियों ने चिंता जतायी है कि कोई भी इस्राइली हमले के परिणाम अमेरिका के लिये घातक हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार ‘इस्राइली जब सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि परमाणु बम बनाने से ईरान को रोकने के रास्ते बंद के कगार पर है तो अमेरिकी अधिकारियों को अगले साल तेहरान पर इस्राइली हमले की संभावना नजर आती है। उन्होंने निजी तौर पर बताया है कि इस्राइल शायद ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले के फैसले की जानकारी अमेरिका को न दे अथवा बहुम कम समय के भीतर दे।’ यह आकलन इस्राइली हमले की सूरत में उसके बाद फारस की खाडी और फ्लोरिडा में मध्य कमान मुख्यालय तथा पेंटागन में युद्ध से जुड़े स्टाफ के बीच आंतरिक सैन्य संचार एवं समन्वय को परखने के मकसद से किया गया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं