जॉन किर्बी (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन:
अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का आह्वान किया है तथा दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास पर चिंता जताई है। उसने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच सतत और सुगम वार्ता प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
'यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पड़ोसियों के बीच सतत एवं सुगम वार्ता प्रक्रिया हो'
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास को लेकर चिंतित हैं।’ उन्होंने यह बात तब कही, जब उनसे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के सृजक कहे जाने वाले डॉ. अब्दुल कदीर खान (80) के उस हालिया बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद के पास पांच मिनट के भीतर नयी दिल्ली को निशाना बनाने की क्षमता है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और इस बढ़ते जोखिम को लेकर चिंतित हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक संघर्ष का नतीजा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के रूप में निकल सकता है।’ अधिकारी ने कहा कि भारत-पाक के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से क्षेत्र में स्थाई शांति, स्थिरता तथा समृद्धि की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पड़ोसियों के बीच सतत एवं सुगम वार्ता प्रक्रिया हो और क्षेत्र में सभी पक्ष तनाव को घटाने की दिशा में लगातार अधिकतम संयम के साथ मिलकर काम करें।’
सात जून को अमेरिका जाएंगे पीएम मोदी
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर काफी आशान्वित है। प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर आशान्वित हैं और इसे सफल बनाना चाहते हैं ।’ मोदी की पांच देशों की यात्रा चार जून से शुरू होगी जिसमें वह अफगानिस्तान, कतर, स्विटजरलैंड, अमेरिका तथा मेक्सिको जाएंगे।
वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के आमंत्रण पर सात जून को अमेरिका पहुंचेंगे। इस दौरान दोनों नेता रक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करेंगे। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
'यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पड़ोसियों के बीच सतत एवं सुगम वार्ता प्रक्रिया हो'
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास को लेकर चिंतित हैं।’ उन्होंने यह बात तब कही, जब उनसे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के सृजक कहे जाने वाले डॉ. अब्दुल कदीर खान (80) के उस हालिया बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद के पास पांच मिनट के भीतर नयी दिल्ली को निशाना बनाने की क्षमता है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और इस बढ़ते जोखिम को लेकर चिंतित हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक संघर्ष का नतीजा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के रूप में निकल सकता है।’ अधिकारी ने कहा कि भारत-पाक के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से क्षेत्र में स्थाई शांति, स्थिरता तथा समृद्धि की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पड़ोसियों के बीच सतत एवं सुगम वार्ता प्रक्रिया हो और क्षेत्र में सभी पक्ष तनाव को घटाने की दिशा में लगातार अधिकतम संयम के साथ मिलकर काम करें।’
सात जून को अमेरिका जाएंगे पीएम मोदी
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर काफी आशान्वित है। प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर आशान्वित हैं और इसे सफल बनाना चाहते हैं ।’ मोदी की पांच देशों की यात्रा चार जून से शुरू होगी जिसमें वह अफगानिस्तान, कतर, स्विटजरलैंड, अमेरिका तथा मेक्सिको जाएंगे।
वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के आमंत्रण पर सात जून को अमेरिका पहुंचेंगे। इस दौरान दोनों नेता रक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करेंगे। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करेंगे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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