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This Article is From Oct 30, 2020

US कोर्ट ने ISRO की शाखा Antrix को दिया आदेश- बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी को चुकाएं 1.2 अरब डॉलर

करार के अनुसार, एंट्रिक्स को देवास के लिए दो सैटेलाइट के निर्माण, उनके प्रक्षेपण और संचालन पर सहमत हुई थी. उसने देवास को एस बैंड 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम देने को भी कहा था

US कोर्ट ने ISRO की शाखा Antrix को दिया आदेश- बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी को चुकाएं 1.2 अरब डॉलर
एंट्रिक्स ने फरवरी 2011 में देवास मल्टीमीडिया से यह समझौता तोड़ दिया था.
वाशिंगटन:

अमेरिकी अदालत ने इसरो (ISRO) की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स (Antrix)  को करार तोड़ने के मामले में बेंगलुरु की स्टार्टअप देवास मल्टीमीडिया (Devas Multimedia) को 1.2 अरब डॉलर (करीब 90 अरब रुपये) चुकाने का आदेश दिया है. एंट्रिक्स ने फरवरी 2011 में देवास के साथ सैटेलाइट निर्माण और लांच करने का करार तोड़ दिया था.

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देवास उसके बाद से लगातार कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में देवास से ट्रिब्यूनल जाने को कहा था. एंट्रिक्स औऱ देवास में जनवरी 2005 में समझौता हुआ था. एंट्रिक्स (Antrix) करार के अनुसार, देवास के लिए दो सैटेलाइट (Satelite) के निर्माण, उनके प्रक्षेपण और संचालन पर सहमत हुई थी. उसने देवास को एस बैंड 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम देने को भी कहा था. इस स्पेक्ट्रम के जरिये देवास को पूरे भारत में सैटेलाइट और क्षेत्रीय संचार सेवाएं शुरू करनी थी. एंट्रिक्स ने फरवरी 2011 में यह समझौता तोड़ दिया था.

वाशिंगटन के वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट सिएटल (Seatle) के जज थॉमस एस जिली ने 27 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया. कोर्ट ने इसमें एंट्रिक्स कारपोरेशन से देवास मल्टीमीडिया कारपोरेशन को 56.25 करोड़ डॉलर का मुआवजा और ब्याज समेत कुल 1.2 अरब डॉलर चुकाने को कहा था. अमेरिकी कोर्ट में दाखिल मुकदमे में देवास ने कहा था कि तीन अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल और नौ विभिन्न पंचाट ने डील तोड़ने को गलत बताया है. इनमें से एक ट्रिब्यूनल ने इसे भारत द्वारा सामान्य अच्छी भावना का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया था.

एंट्रिक्स ने नवंबर 2018 में क्षेत्राधिकार का मुद्दा उठाते हुए इस मुकदमे को खारिज करने की दलील दी थी. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में उसका क्षेत्राधिकार है. हालांकि मामले को एक साल के लिए स्थगित करते हुए दोनों पक्षों से 15 अप्रै 2020 तक संयुक्त स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.

देवास और एंट्रिक्स ने 16 जुलाई 2020 को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. हालांकि स्थगन हटाने या कायम रखने को लेकर मतभेद कायम रहा. एंट्रिक्स द्वारा सुरक्षा का विषय उठाने पर भी रजामंदी नहीं बनी. सिएटल में मुख्यालय वाली एंट्रिक्स और स्पेसफ्लाइट इंडस्ट्रीज के बीच समझौता हुआ था. इसमें भारत के पीएसएलवी रॉकेट के जरिये सैटेलाइट प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करने की योजना थी. वाशिंगटन के रेडमंड में मुख्यालय वाली एंट्रिक्स और आरबीसी सिग्नल्स के बीच एक वैश्विक समझौता हुआ था, जिसके तहत उपग्रह संचालकों को संचार सेवाएं प्रदान करने का करार था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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