भारत में अमेरिकी राजदूत के पद से नैंसी पावेल के इस्तीफा दिए जाने से जुड़ी-जुड़ी खबरों से उलट अमेरिका ने कहा है कि उन्होंने 37 साल की विदेश सेवा से 'बहुत जरूरी आराम' लेने के लिए सेवानिवृत्त हुई हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी हार्फ ने संवाददाताओं से कहा, 'सेवानिवृत्ति। यह एक महत्वपूर्ण अंतर है।' उनसे 66 साल की नैंसी पावेल के इस्तीफे के बारे में सवाल किया गया था।
उन्होंने नैंसी के वर्षों पुराने राजनयिक करियर का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, 'यह बहुत जरूरी अवकाश था।' बीते सोमवार को नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने देर रात एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक नैंसी पावेल ने टाउन हॉल की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान किया।
उस बयान में कहा गया था कि नैंसी पावेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस्तीफा सौंप दिया और पहले की योजना के मुताबिक डेलवेयर स्थित अपने घर में अवकाश लेंगी।
नैंसी की अनुपस्थिति में मिशन के उपप्रमुख (डीसीएम) माइकल पी पेलेटियर अस्थायी तौर पर कार्यभार संभालेंगे।
मैरी हार्फ ने कहा, 'जब नैंसी पावेल भारत से रवाना हो जाएंगी तो डीसीएम मिशन के प्रमुख के तौर पर काम देखेंगे।' कई राजदूतों की नियुक्ति अमेरिकी कांग्रेस द्वारा किए जाने के तथ्य का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर, हमारा मानना है कि राजदूतों का होना महत्वपूर्ण है। इसीलिए हमनें कांग्रेस का आह्वान किया है जहां हमारे राजदूत नामित होते हैं अथवा दूसरे पदों के लिए लोग नामांकित होते हैं।'
अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी ने कहा, 'मैं यह भी कहूंगी कि संबंध किसी एक व्यक्ति से बड़ा होता है।..वाशिंगटन तथा दूसरे देश के बीच रिश्ते हैं। इसलिए संबंध राजदूत से कहीं बड़े होते हैं। हम इसके महत्व को समझते हैं।'
समाचार पत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के अनुसार पावेल के इस्तीफे को नई दिल्ली के राजनयिक समुदाय में इस भाव से लिया गया कि अमेरिका और भारत के बीच कुछ विवाद अब जल्द सुलझ सकते हैं।
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