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UN में गाजा का भविष्य पर लगी मुहर! इंटरनेशनल फोर्स को कमान और ट्रंप के हाथ में चाबुक, आजाद फिलिस्तीन का क्या?

UNSC votes for international force for Gaza: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के प्रस्ताव के पक्ष में कुल 13 वोट पड़े जबकि सबसे खास बात रही कि रूस और यूक्रेन ने इसपर वीटो करने की जगह वोट में शामिल ही नहीं होने का फैसला किया.

UN में गाजा का भविष्य पर लगी मुहर! इंटरनेशनल फोर्स को कमान और ट्रंप के हाथ में चाबुक, आजाद फिलिस्तीन का क्या?
UN में गाजा का भविष्य पर लगी मुहर!
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को 13-0 वोटों से मंजूरी दी है
  • प्रस्ताव में गाजा में एक इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स की तैनाती और विसैन्यीकरण का प्रावधान है
  • प्रस्ताव में 2027 तक एक शांति बोर्ड बनाने और फिलिस्तीनी देश के भविष्य के लिए जटिल रास्ता सुझाया गया है
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को बढ़ावा देने वाले अमेरिकी प्रस्ताव को पास कर दिया गया. इस प्रस्ताव में गाजा में एक इंटरनेशनल फोर्स की तैनाती और भविष्य के फिलिस्तीनी देश के लिए एक रास्ता दिया गया है. इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 13 वोट पड़े जबकि सबसे खास बात रही कि रूस और यूक्रेन ने इसपर वीटो करने की जगह वोट नहीं देने का फैसला किया, दोनों वोटिंग के समय मौजूद नहीं रहे. 

हम आपको यहां बताएंगे कि UNSC में जो प्रस्ताव पास हुआ है, उसमें क्या निर्णय लिया गया है, गाजा में कैसे इंटरनेशनल फोर्स तैनात होगी, भविष्य में कैसे फिलिस्तीन को एक अलग देश बनाने की योजना है और हमास ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति क्यों जताई है. पहले जानिए कि ट्रंप ने प्रस्ताव पास होने पर क्या कहा.

"संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़ा अप्रूवल"

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, "अभी कुछ क्षण पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शांति बोर्ड को मान्यता और समर्थन देने वाले अविश्वसनीय वोट के लिए दुनिया को बधाई, जिसकी अध्यक्षता मैं करूंगा और इसमें दुनिया भर के सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेता शामिल होंगे. यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़े अप्रूवल में से एक के रूप में याद किया जाएगा, इससे पूरी दुनिया में शांति बढ़ेगी और यह वास्तविक ऐतिहासिक अनुपात का क्षण है!..."

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत माइक वाल्ट्ज ने वोटिंग के बाद कहा कि "आज का प्रस्ताव एक और महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है जो गाजा को समृद्ध बनाने में सक्षम बनाएगा और एक ऐसा वातावरण बनाएगा जो इजरायल को सुरक्षा में रहने की अनुमति देगा."

गाजा में एक इंटरनेशनल फोर्स तैनात होगी

यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति की शांति योजना का "समर्थन" करता है, जिसने युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र में 10 अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच एक सीजफायर की अनुमति दी थी. शांति योजना एक इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स (ISF) बनाने के लिए अधिकृत करती है जो सीमा क्षेत्रों को सुरक्षित करने और गाजा पट्टी को विसैन्यीकृत (हथियार और सेना मुक्त) करने में मदद करने के लिए इजरायल और मिस्र और नई-नई ट्रेनिंग ले रही फिलिस्तीनी पुलिस के साथ काम करेगी.

ISF को "गैर-राज्य सशस्त्र समूहों से हथियारों को स्थायी रूप से हटाने", नागरिकों की रक्षा करने और मानवीय सहायता गलियारों को सुरक्षित करने पर काम करने का आदेश दिया गया है.

भविष्य में फिलिस्तीन स्वतंत्र देश बनेगा?

गाजा में एक "शांति बोर्ड" भी बनाया जाएगा, जिसकी सैद्धांतिक रूप से अध्यक्षता ट्रम्प करेंगे. यह 2027 के अंत तक चलेगा और यह संक्रमणकालीन सरकार (ट्रांजिशन गवर्नमेंट) के रूप में काम करेगा. AP की रिपोर्ट के अनुसार यह प्रस्ताव जटिल भाषा में संभावित भविष्य के फिलिस्तीनी देश बनाने का भी उल्लेख करता है. प्रस्ताव के टेक्स्ट में कहा गया है कि एक बार जब फिलिस्तीनी प्राधिकरण से जो सुधार करने को कहा गया है, उसे पूरा कर लिया और गाजा का पुनर्निर्माण होने लगे, तो "फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और देश के लिए एक विश्वसनीय मार्ग के लिए स्थितियां आखिरकार बन सकती हैं."

यानी कुल मिलाकर भविष्य में फिलिस्तीनी देश बनाने की जो बात है उसे बड़ा जटिल भाषा में लिखा गया है, इसमें कोई स्पष्टता नहीं है और इसी कारण हमास इसे मंजूर करता नहीं दिख रहा.

हमास का विरोध

गाजा के हमास शासकों ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि यह फिलिस्तीनियों की "मांगों और अधिकारों" का सम्मान करने में विफल रहा है. उग्रवादी समूह ने एक बयान में कहा, "यह प्रस्ताव हमारे फिलिस्तीनी लोगों की राजनीतिक और मानवीय मांगों और अधिकारों के स्तर को पूरा नहीं करता है."

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