
- ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
- जांच में यहूदी और इजरायली छात्रों के प्रति भेदभाव का मामला सामने आया है.
- हार्वर्ड को सरकारी आर्थिक संसाधनों के खतरे का सामना करना पड़ सकता है.
- प्रशासन ने हार्वर्ड को जरूरी बदलाव करने में असफल रहने पर चेतावनी दी है.
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को जानकारी दी है कि उसकी जांच में पाया गया है कि उसने यहूदी और इजरायली छात्रों के साथ अपने बर्ताव को लेकर सरकारी नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन किया है. इससे देश के सबसे पुराने यूनिवर्सिटी को मिलने वाले फंड पर और ज्यादा खतरा पैदा कर दिया है. यह जांच व्हाइट हाउस और हार्वर्ड के बीच लड़ाई में नया घटनाक्रम है. ट्रंप प्रशासन ने लिबरल संस्थानों के खिलाफ अपनी लड़ाई में सबसे अमीर अमेरिकी यूनिवर्सिटी को एक उदाहरण बनाने की कोशिश की है. इसके बारे में उनका कहना है कि उन्होंने यहूदी विरोधी और DEI चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया.
हार्वर्ड प्रेसीडेंट को लिखी चिट्ठी
वॉल स्ट्रीट जनरल ने हार्वर्ड प्रेसीडेंट एलन गार्बर को भेजी गई एक चिट्ठी के हवाले से बताया है कि प्रशासन के वकीलों ने कहा है कि हार्वर्ड को मालूम था कि यहूदी और इजरायली छात्र उसके परिसर में खतरा महसूस करते हैं और जानबूझकर उदासीनता से काम करते हैं. चिट्ठी में लिखा है, 'तुरंत जरूरी बदलाव करने में असफलता की वजह से सभी सरकारी आर्थिक संसाधन खत्म हो जाएंगे और सरकार के साथ हार्वर्ड के संबंधों पर असर पड़ता रहेगा.'
चिट्ठी में आगे लिखा है, 'हार्वर्ड निश्चित तौर पर संघीय विशेषाधिकारों से आजाद होकर काम करना जारी रख सकता है और शायद ऐसा अवसर उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा जो हार्वर्ड को एक बार फिर से आगे बढ़ने में मदद करेगा.' हार्वर्ड ने फिलहाल इस नई जानकारी पर तुरंत जवाब नहीं दिया है.
नागरिक अधिकार कानून के उल्लंघन का औपचारिक 'नोटिस' आम तौर पर एक ऐसा कदम होता है जो न्याय विभाग के केस या स्कूल के साथ स्वैच्छिक समाधान से पहले आ सकता है. पिछले राष्ट्रपति प्रशासन के तहत, विश्वविद्यालयों में नागरिक अधिकार जांच आमतौर पर स्वैच्छिक समाधान समझौतों के साथ खत्म होती थी.
मई में कोलंबियां के खिलाफ नोटिस
मई में, ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया विश्वविद्यालय को एक समान नोटिस जारी किया था. इस नोटिस के अनुसार सरकारी जांच में पाया गया था कि यूनिवर्सिटी यहूदी छात्रों को उत्पीड़न से बचाने में असफल रही है और इस वजह से उसने नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन किया है. कोलंबिया अपने संघीय वित्त पोषण और स्वायत्तता पर प्रशासन के साथ बातचीत भी कर रहा है. हार्वर्ड को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय दो साल तक कार्रवाई करने में विफल रहा, जबकि यहूदी और इजरायली छात्रों पर हमला किया गया और उन पर थूका गया. परिणामस्वरूप कई लोगों ने परेशान किए जाने के डर से अपनी पहचान छिपाई.
2 अरब डॉलर की मदद खतरे में
इसमें यह भी कहा गया है कि परिसर में यहूदी विरोधी छवियों को बड़े स्तर पर प्रसारित किया गया था. हार्वर्ड ने अप्रैल के अंत में परिसर में यहूदी विरोधी और मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह पर अपनी आंतरिक रिपोर्ट जारी की. इस साल की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन की तरफ से हार्वर्ड को मांगों की लिस्ट सौंपी थी जिसमें हार्वर्ड को एडमिशन, नियुक्ति और छात्रों और कर्मचारियों की विचारधारा पर सरकार की निगरानी की मंजूरी की बात भी शामिल थी. स्कूल ने प्रशासन के जब इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया तो हार्वर्ड को ग्रांट्स और कॉन्ट्रैक्ट्स में 2 अरब डॉलर से ज्यादा की मदद रोकने की चेतावनी भी दी गई थी.
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