सीरिया ने पश्चिम से रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का सबूत मांगा है।
दमिश्क/लंदन:
सीरिया ने मंगलवार को पश्चिमी राष्ट्रों को चुनौती देते हुए उसकी सेना द्वारा रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने का सबूत देने के लिए कहा। यहां तक कि ब्रिटेन की सशस्त्र सेना ने मध्यपूर्व के देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई होने की दशा में आकस्मिकता पर काम करना शुरू कर दिया।
सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल-मोआल्लेम ने दमिश्क में एक संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार दमिश्क के बाहरी इलाके में शायद प्रयोग किए गए रासायनिक हथियारों की सच्चाई उजागर करने के पक्ष में है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि सीरियाई सरकार संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने में अपने तौर पर जुटी हुई है, लेकिन विद्रोही संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के काम में बाधा डाल रहे हैं।
सीरिया के विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि 21 अगस्त को सरकारी सेना ने विद्रोहियों की पकड़ वाले दमिश्क के उपनगरीय इलाके में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें करीब 1300 लोग मारे गए। सीरिया की सरकार ने इस आरोप का मजबूती के साथ खंडन किया है।
अल-मोआल्लेम ने संवाददाता सम्मेलन में जोर देकर कहा, "सीरिया के पास रासायनिक हथियार की घटना के संबंध में सबूत है और सही समय पर उसे पेश किया जाएगा।"
सीरिया पर अमेरिकी सेना के संभावित हमले के बारे में वरिष्ठ सीरियाई कूटनीतिज्ञ ने कहा कि किसी भी संभावित हमले का सरकारी सेना के विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, "यदि अमेरिका ने देश पर हमले का फैसला लिया तो सीरिया सभी उपलब्ध उपायों से खुद की रक्षा करेगा।"
इस बीच ब्रिटिश मीडिया में आई खबरों के आधार पर सिन्हुआ के मुताबिक, ब्रिटेन की सशस्त्र सेना ने सीरिया के खिलाफ आकस्मिक सैन्य कार्रवाई पर काम करना शुरू कर दिया है। ब्रिटिश मीडिया ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के प्रवक्ता के हवाले से इस आशय की खबर दी है।
रासायनिक हथियारों के प्रयोग के 'असहनीय' होने का दावा करते हुए प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसका जवाब देने के लिए कहा है।
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को इस हमले को 'अक्षम्य' और 'असंदिग्ध' बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा इस बारे में फैसला करेंगे कि इस रासायनिक हमले पर कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है।
ओबामा का मानना है कि जिन लोगों ने रासायनिक हथियारों का उपयोग किया है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को एक कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग के मजबूत साक्ष्य हैं।
सिन्हुआ के अनुसार, सीरियाई सेना ने सोमवार को उल्लेखनीय प्रगति की और लगभग पूरे जोबर को चारों तरफ से घेर लिया।
एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि सेना दमिश्क से लगे ग्रामीण इलाकों में भी विद्रोहियों के सभी ठिकानों को ध्वस्त कर आगे बढ़ रही है।
वहीं, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास अराकची ने मंगलवार को एक बार फिर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की कोई इजाजत नहीं दी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अराकची ने कहा, "हमारा क्षेत्र बहुत संवेदनशील है और यहां शांति अन्य किसी भी चीज से अधिक जरूरी है। इसलिए समस्या के राजनीतिक हल की जरूरत है।" ईरान ने सोमवार को सीरिया में किसी भी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी थी।
रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सीरिया को मानवीय मदद की एक और खेप भेजी गई है और उसी विमान से युद्धग्रस्त देश से रूस के नागरिकों को वापस लाया लाया जाएगा।
सिन्हुआ ने मंत्रालय की प्रवक्ता इरिना रोसिस के हवाले से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह पांच बजे एक आईएल-76 विमान ने मॉस्को के समीप रामेनस्कोये हवाईअड्डे से 20 टन सामग्री के साथ उड़ान भरी। विमान में अधिकांशत: डिब्बाबंद भोजन और चीनी है।
वापस लौटते समय विमान में 100 रूसी और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के 80 नागरिकों को वापस लाया जाएगा।
रूस, सीरिया को निरंतर मानवीय मदद देने के साथ ही अपने नागरिकों को भी बाहर निकाल रहा है।
सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल-मोआल्लेम ने दमिश्क में एक संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार दमिश्क के बाहरी इलाके में शायद प्रयोग किए गए रासायनिक हथियारों की सच्चाई उजागर करने के पक्ष में है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि सीरियाई सरकार संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने में अपने तौर पर जुटी हुई है, लेकिन विद्रोही संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के काम में बाधा डाल रहे हैं।
सीरिया के विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि 21 अगस्त को सरकारी सेना ने विद्रोहियों की पकड़ वाले दमिश्क के उपनगरीय इलाके में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें करीब 1300 लोग मारे गए। सीरिया की सरकार ने इस आरोप का मजबूती के साथ खंडन किया है।
अल-मोआल्लेम ने संवाददाता सम्मेलन में जोर देकर कहा, "सीरिया के पास रासायनिक हथियार की घटना के संबंध में सबूत है और सही समय पर उसे पेश किया जाएगा।"
सीरिया पर अमेरिकी सेना के संभावित हमले के बारे में वरिष्ठ सीरियाई कूटनीतिज्ञ ने कहा कि किसी भी संभावित हमले का सरकारी सेना के विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, "यदि अमेरिका ने देश पर हमले का फैसला लिया तो सीरिया सभी उपलब्ध उपायों से खुद की रक्षा करेगा।"
इस बीच ब्रिटिश मीडिया में आई खबरों के आधार पर सिन्हुआ के मुताबिक, ब्रिटेन की सशस्त्र सेना ने सीरिया के खिलाफ आकस्मिक सैन्य कार्रवाई पर काम करना शुरू कर दिया है। ब्रिटिश मीडिया ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के प्रवक्ता के हवाले से इस आशय की खबर दी है।
रासायनिक हथियारों के प्रयोग के 'असहनीय' होने का दावा करते हुए प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसका जवाब देने के लिए कहा है।
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को इस हमले को 'अक्षम्य' और 'असंदिग्ध' बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा इस बारे में फैसला करेंगे कि इस रासायनिक हमले पर कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है।
ओबामा का मानना है कि जिन लोगों ने रासायनिक हथियारों का उपयोग किया है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को एक कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग के मजबूत साक्ष्य हैं।
सिन्हुआ के अनुसार, सीरियाई सेना ने सोमवार को उल्लेखनीय प्रगति की और लगभग पूरे जोबर को चारों तरफ से घेर लिया।
एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि सेना दमिश्क से लगे ग्रामीण इलाकों में भी विद्रोहियों के सभी ठिकानों को ध्वस्त कर आगे बढ़ रही है।
वहीं, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास अराकची ने मंगलवार को एक बार फिर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की कोई इजाजत नहीं दी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अराकची ने कहा, "हमारा क्षेत्र बहुत संवेदनशील है और यहां शांति अन्य किसी भी चीज से अधिक जरूरी है। इसलिए समस्या के राजनीतिक हल की जरूरत है।" ईरान ने सोमवार को सीरिया में किसी भी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी थी।
रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सीरिया को मानवीय मदद की एक और खेप भेजी गई है और उसी विमान से युद्धग्रस्त देश से रूस के नागरिकों को वापस लाया लाया जाएगा।
सिन्हुआ ने मंत्रालय की प्रवक्ता इरिना रोसिस के हवाले से कहा कि अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह पांच बजे एक आईएल-76 विमान ने मॉस्को के समीप रामेनस्कोये हवाईअड्डे से 20 टन सामग्री के साथ उड़ान भरी। विमान में अधिकांशत: डिब्बाबंद भोजन और चीनी है।
वापस लौटते समय विमान में 100 रूसी और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के 80 नागरिकों को वापस लाया जाएगा।
रूस, सीरिया को निरंतर मानवीय मदद देने के साथ ही अपने नागरिकों को भी बाहर निकाल रहा है।
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