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समांथा ल्यूथवेट को ब्रिटेन की पुलिस तलाश रही है
पिछले कुछ समय से आतंकवादी हमलों में महिला हमलावरों का नाम आगे आ रहा है, हाल ही में कैलिफोर्निया में हुआ हमला ऐसा ही एक उदाहरण बनकर सामने आया है। एक नज़र ऐसी ही कुछ महिलाओं पर जो उग्र सुधारवाद के ज़रिए आंतकवाद के रास्ते पर चल पड़ीं। इनमें से कुछ की ज़िंदगी तो मौत के हवाले हो गई और कुछ ऐसी हैं जिन्हें अभी भी दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियां तलाश रही हैं।
तशफीन मलिक -
पिछले दिनों 29 साल की तशफीन मलिक ने अपने पति सैयद फारूख़ के साथ मिलकर कैलिफोर्निया के एक परिवार नियोजन केंद्र पर गोली मारकर 14 लोगों की हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि तशफीन अपने कॉलेज के वक्त में काफी अच्छी छात्रा रही थी लेकिन यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उसका कट्टरपंथ की तरफ रूझान कब और कैसे हुआ। तशफीन और फारूख़ हमले के चार घंटे बाद ही पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।
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इन दोनों की एक छह महीने की बच्ची है जिसे इन्होंने हमले से पहले फारूख़ की मां के पास छोड़ दिया था। ब्रिटेन के अख़बार गार्डियन के मुताबिक अपराधियों की रूपरेखा समझने वाले विशेषज्ञों की मानें तो एक नई नई मां के लिए अपने बच्चे को छोड़कर इस तरह की उग्र वारदात में जुट जाना काफी असाधारण सी बात दिखती है। सुरक्षा एजेंसी एफबीआई के पूर्व विश्लेषक मैरी एलन के मुताबिक 'तशफीन वह महिला नहीं है जिसके अंदर मूलभूत मातृक लक्षण रहे होंगे। हो सकता है कि बच्चा पैदा करना इन दोनों की योजना का ही हिस्सा रहा हो ताकि लोगों को उनकी जिंदगी काफी सामान्य नज़र आए।'
हसना अत बोलाचेन -
पेरिस में हुए हालिया हमले में शामिल हसना को यूरोप की पहली महिला फिदायीन बताया जा रहा है। बताया जाता है कि पेरिस हमलों के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए पुलिस ने जब एक अपार्टमेंट पर धावा बोलकर आतंकी हसना को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने खुद को उड़ा लिया। हालांकि फ्रेंच पुलिस ने हसना के खुद को उड़ाने की ख़बर का खंडन किया है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हसना का बचपन काफी दुखद बीता था लेकिन उसको जानने वालों को कभी भी नहीं लगा कि वह उग्र सुधारवाद के रास्ते पर जा रही है। उसके भाई के अनुसार हसना ने कभी भी कुरान खोलकर नहीं देखी और वह हर वक्त फेसबुक और व्हाट्सएप ही चेक करती रहती थी। हालांकि करीब एक साल पहले उसने हिजाब पहनना शुरू कर दिया था।
समांथा ल्यूथवेट -
व्हाइट विडो (सफेद विधवा) के नाम से भी पहचानी जाने वाली ब्रिटेन की नागरिक समांथा को कई देशों की पुलिस ढूंढ रही है। 7 जुलाई 2005 को लंदन के सार्वजनिक परिवहन पर हुए आत्मघाती हमले में समांथा का पति जर्मेन लिंडसे भी शामिल था। 2013 में नायरोबी के एक शॉपिंग मॉल में हुए हमले के पीछे भी समांथा का हाथ बताया जा रहा है जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की जानें गईं थी। हिंदी अख़बार दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक समांथा को लंदन धमाकों की जानकारी पहले से थी और उसपर महिलाओं को सुसाइड बॉम्बिंग की ट्रेनिंग देने का भी आरोप है।
असाता शकुर -
क्यूबा की रहने वाली असाता करीब 68 साल की हैं और 1971 से लेकर 1973 तक उन्हें कई अपराधों में संलिप्त पाया गया है। 1979 में एक बैंक लूट और एक पुलिस वाले के कत्ल के जुर्म में सज़ा काट रही असाता अमेरिका से भागकर क्यूबा आ गई और 30 साल गुज़र जाने के बाद भी असाता के सिर पर भारी ईनाम है। असाता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों के मुताबिक 1971 में अमेरिका के एक होटल में लूट के उद्देश्य से घुसी असाता ने एक कमरे का दरवाजा खटखटाते हुए पूछा कि 'क्या अंदर कोई पार्टी चल रही है', जिस पर अंदर बैठे आदमी ने गुस्सा में दरवाज़ा खोला। बात बढ़ती चली गई और असाता ने पिस्तोल दिखाई और तनतानी में उसी के पेट में गोली लग गई। असाता कहती है कि पेट में गोली को खाने के बाद उसे फिर कभी भी गोली से डर नहीं लगा।
तशफीन मलिक -
पिछले दिनों 29 साल की तशफीन मलिक ने अपने पति सैयद फारूख़ के साथ मिलकर कैलिफोर्निया के एक परिवार नियोजन केंद्र पर गोली मारकर 14 लोगों की हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि तशफीन अपने कॉलेज के वक्त में काफी अच्छी छात्रा रही थी लेकिन यह साफ नहीं हो पा रहा है कि उसका कट्टरपंथ की तरफ रूझान कब और कैसे हुआ। तशफीन और फारूख़ हमले के चार घंटे बाद ही पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।
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इन दोनों की एक छह महीने की बच्ची है जिसे इन्होंने हमले से पहले फारूख़ की मां के पास छोड़ दिया था। ब्रिटेन के अख़बार गार्डियन के मुताबिक अपराधियों की रूपरेखा समझने वाले विशेषज्ञों की मानें तो एक नई नई मां के लिए अपने बच्चे को छोड़कर इस तरह की उग्र वारदात में जुट जाना काफी असाधारण सी बात दिखती है। सुरक्षा एजेंसी एफबीआई के पूर्व विश्लेषक मैरी एलन के मुताबिक 'तशफीन वह महिला नहीं है जिसके अंदर मूलभूत मातृक लक्षण रहे होंगे। हो सकता है कि बच्चा पैदा करना इन दोनों की योजना का ही हिस्सा रहा हो ताकि लोगों को उनकी जिंदगी काफी सामान्य नज़र आए।'
हसना अत बोलाचेन -
पेरिस में हुए हालिया हमले में शामिल हसना को यूरोप की पहली महिला फिदायीन बताया जा रहा है। बताया जाता है कि पेरिस हमलों के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए पुलिस ने जब एक अपार्टमेंट पर धावा बोलकर आतंकी हसना को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने खुद को उड़ा लिया। हालांकि फ्रेंच पुलिस ने हसना के खुद को उड़ाने की ख़बर का खंडन किया है।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक हसना का बचपन काफी दुखद बीता था लेकिन उसको जानने वालों को कभी भी नहीं लगा कि वह उग्र सुधारवाद के रास्ते पर जा रही है। उसके भाई के अनुसार हसना ने कभी भी कुरान खोलकर नहीं देखी और वह हर वक्त फेसबुक और व्हाट्सएप ही चेक करती रहती थी। हालांकि करीब एक साल पहले उसने हिजाब पहनना शुरू कर दिया था।
समांथा ल्यूथवेट -
व्हाइट विडो (सफेद विधवा) के नाम से भी पहचानी जाने वाली ब्रिटेन की नागरिक समांथा को कई देशों की पुलिस ढूंढ रही है। 7 जुलाई 2005 को लंदन के सार्वजनिक परिवहन पर हुए आत्मघाती हमले में समांथा का पति जर्मेन लिंडसे भी शामिल था। 2013 में नायरोबी के एक शॉपिंग मॉल में हुए हमले के पीछे भी समांथा का हाथ बताया जा रहा है जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की जानें गईं थी। हिंदी अख़बार दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक समांथा को लंदन धमाकों की जानकारी पहले से थी और उसपर महिलाओं को सुसाइड बॉम्बिंग की ट्रेनिंग देने का भी आरोप है।
असाता शकुर -
क्यूबा की रहने वाली असाता करीब 68 साल की हैं और 1971 से लेकर 1973 तक उन्हें कई अपराधों में संलिप्त पाया गया है। 1979 में एक बैंक लूट और एक पुलिस वाले के कत्ल के जुर्म में सज़ा काट रही असाता अमेरिका से भागकर क्यूबा आ गई और 30 साल गुज़र जाने के बाद भी असाता के सिर पर भारी ईनाम है। असाता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों के मुताबिक 1971 में अमेरिका के एक होटल में लूट के उद्देश्य से घुसी असाता ने एक कमरे का दरवाजा खटखटाते हुए पूछा कि 'क्या अंदर कोई पार्टी चल रही है', जिस पर अंदर बैठे आदमी ने गुस्सा में दरवाज़ा खोला। बात बढ़ती चली गई और असाता ने पिस्तोल दिखाई और तनतानी में उसी के पेट में गोली लग गई। असाता कहती है कि पेट में गोली को खाने के बाद उसे फिर कभी भी गोली से डर नहीं लगा।
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