
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (फाइल फोटो)
टोक्यो:
प्रधानमंत्री शिंजो आबे का कहना है कि उनके देश को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उत्तर कोरिया से सबसे ज्यादा खतरे का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने रक्षा कवायदों को मजबूत करने का संकल्प लिया. संसद में आज अपनी नीतियों पर संबोधन में प्राथमिकताएं गिनाते हुए आबे ने उत्तर कोरिया की ओर से छठी बार परमाणु परीक्षण और जापान के ऊपर से मिसाइल गुजरने को ‘राष्ट्रीय संकट’ बताया.
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आबे ने कहा कि प्योंगयांग की ओर से ‘भड़काने’ के बीच किसी भी आपात स्थिति से मुकाबले के लिए जापान-अमेरिका संबंध के तहत जापान ‘ठोस कार्रवाई’ करेगा. वर्ष 2012 में आबे के कार्यभार संभालने के बाद से रक्षा पर जापान का खर्च तेजी से बढ़ा है. चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद अपने पहले नीतिगत संबोधन में आबे ने कहा कि जापान के शांतिवादी संविधान संशोधन में प्रगति को लेकर वह ‘आश्वस्त’ हैं.
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संसद में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि संविधान संशोधन पर बहस आगे बढ़ेगी.’ आबे संविधान में बदलाव करना चाहते हैं, ताकि पूर्ण रूपेण सेना के जापान के अधिकार की पुष्टि हो सके.
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आबे ने कहा कि प्योंगयांग की ओर से ‘भड़काने’ के बीच किसी भी आपात स्थिति से मुकाबले के लिए जापान-अमेरिका संबंध के तहत जापान ‘ठोस कार्रवाई’ करेगा. वर्ष 2012 में आबे के कार्यभार संभालने के बाद से रक्षा पर जापान का खर्च तेजी से बढ़ा है. चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद अपने पहले नीतिगत संबोधन में आबे ने कहा कि जापान के शांतिवादी संविधान संशोधन में प्रगति को लेकर वह ‘आश्वस्त’ हैं.
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संसद में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि संविधान संशोधन पर बहस आगे बढ़ेगी.’ आबे संविधान में बदलाव करना चाहते हैं, ताकि पूर्ण रूपेण सेना के जापान के अधिकार की पुष्टि हो सके.
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