पाकिस्तान ने आज 'जैसे को तैसा' वाली कार्रवाई करते हुए इस्लामाबाद में भारतीय उप-उच्चायुक्त को तलब किया और कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी की रिहाई के अदालती आदेश पर भारत की प्रतिक्रिया 'अवांछित और अपरिपक्व' है। पाकिस्तान ने भारत पर इस मामले में 'कार्रवाई किए जाने के लायक सबूत' देने में नाकाम रहने का भी आरोप मढ़ा।
गौरतलब है कि बदले की यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब कुछ ही घंटे पहले भारत ने नई दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से दिए गए लखवी को रिहा करने के आदेश पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था। भारत के प्रभारी विदेश सचिव अनिल वाधवा ने बासित से कहा था कि लखवी को रिहा किए जाने से खतरा पैदा होगा जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। (मुंबई हमले का गुनाहगार लखवी रिहा न हो यह पाक की जिम्मेदारी : गृह मंत्रालय)
उप-उच्चायुक्त जेपी सिंह को विदेश कार्यालय तलब किया गया जहां पाकिस्तानी पक्ष ने उन्हें कहा कि अदालत की ओर से दिए गए रिहाई के आदेश का मतलब यह नहीं है कि मामले का ट्रायल खत्म हो जाएगा और भारत को लखवी की रिहाई पर अदालत के आदेश के मुद्दे पर 'हो-हल्ला मचाने से परहेज करना चाहिए'।
विदेश कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, 'हमनें अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं कि भारत की प्रतिक्रिया अवांछित और अपरिपक्व है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आरोपी पर मुकदमा चलाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन भारत 'कार्रवाई किए जाने लायक सबूत देने में नाकाम' रहा है।
अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तान की ओर से बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी मुंबई हमलों को लेकर विश्वसनीय सबूत कभी साझा नहीं किए गए।' पाकिस्तानी अधिकारी ने मामले के सुनवाई में हो रही देरी के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों द्वारा बासित को तलब किए जाने के तरीके पर भी नाराजगी जताई। अधिकारी ने कहा, 'हम भी राजदूतों को बुलाते हैं पर यह चुपचाप किया जाता है। जबकि भारत के विदेश मंत्रालय ने एक तरफ हमारे राजदूत को बुलाया और दूसरी तरफ यह खबर मीडिया में लीक कर दी।'
पाकिस्तान ने 2007 के समझौता ट्रेन धमाका मामले को भी उठाते हुए कहा कि इसके मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में बहुत देर हो रही है। इस धमाके में कई पाकिस्तानी नागरिकों समेत 68 लोगों की जानें गई थीं।
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