बीजिंग:
चीन में अपने दो व्यापारियों की कथित प्रताड़ना और उन्हें अवैध रूप से बंधक बनाए जाने पर भारत के विरोध के बाद बीजिंग ने कहा है कि वह नई दिल्ली के साथ सम्बंधों को महत्व देता है।
समाचार पत्र 'चाइना डेली' के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने कहा कि चीन भारत के साथ मित्रतापूर्ण सम्बंधों को अत्यधिक महत्व देता है और उम्मीद करता है कि भारतीय पक्ष इस मामले को सामान्य एवं निष्पक्ष तरीके से देखेगा।
प्रवक्ता ने हालांकि, मीडिया में आई उन रपटों को गलत बताया जिनमें कहा गया कि यिवू शहर में सुनवाई के दौरान भारतीय व्यापारियों को मदद देने पहुंचे राजनयिक के साथ बदसलूकी की गई जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
हांग ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी इस मामले के साथ सामान्य एवं निष्पक्ष तरीके से निपट सकते हैं।" उन्होंने कहा कि और वह ये सुनिश्चित करते हैं कि चीन में भारतीय कारोबारी चीन के कानून एवं नियमों का पालन करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि आर्थिक विवाद के चलते यह मामला सुर्खियों में आया और चीन के न्यायिक अधिकारी अब कानून के अनुरूप इस मामले को देख रहे हैं।
ज्ञात हो कि मीडिया की रपटों में कहा गया कि शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तैनात एस. बालचंद्रन भारतीय व्यापारियों को दूतावास सम्बंधी मदद जब दे रहे थे तो उन्हें भोजन एवं दवा लेने से रोका गया। इसके अलावा बालचंद्रन पर भीड़ ने हमला भी किया।
व्यापारी श्यामसुंदर अग्रवाल एवं दीपक रहेजा ने आरोप लगाया है कि उनके कारोबार के मालिक के भाग जाने के बाद उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया और उनके साथ 'जानवरों जैसा' बर्ताव किया गया।
भारतीय मीडिया में यह मामला उछलने के बाद नई दिल्ली ने चीनी राजनयिकों को तलब किया और उनसे भारतीय कारोबारियों को न्याय दिलाने का अनुरोध किया। भारत के हस्तक्षेप के बाद दोनों व्यापारियों को शंघाई लाया गया है।
समाचार पत्र 'चाइना डेली' के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने कहा कि चीन भारत के साथ मित्रतापूर्ण सम्बंधों को अत्यधिक महत्व देता है और उम्मीद करता है कि भारतीय पक्ष इस मामले को सामान्य एवं निष्पक्ष तरीके से देखेगा।
प्रवक्ता ने हालांकि, मीडिया में आई उन रपटों को गलत बताया जिनमें कहा गया कि यिवू शहर में सुनवाई के दौरान भारतीय व्यापारियों को मदद देने पहुंचे राजनयिक के साथ बदसलूकी की गई जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
हांग ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी इस मामले के साथ सामान्य एवं निष्पक्ष तरीके से निपट सकते हैं।" उन्होंने कहा कि और वह ये सुनिश्चित करते हैं कि चीन में भारतीय कारोबारी चीन के कानून एवं नियमों का पालन करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि आर्थिक विवाद के चलते यह मामला सुर्खियों में आया और चीन के न्यायिक अधिकारी अब कानून के अनुरूप इस मामले को देख रहे हैं।
ज्ञात हो कि मीडिया की रपटों में कहा गया कि शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तैनात एस. बालचंद्रन भारतीय व्यापारियों को दूतावास सम्बंधी मदद जब दे रहे थे तो उन्हें भोजन एवं दवा लेने से रोका गया। इसके अलावा बालचंद्रन पर भीड़ ने हमला भी किया।
व्यापारी श्यामसुंदर अग्रवाल एवं दीपक रहेजा ने आरोप लगाया है कि उनके कारोबार के मालिक के भाग जाने के बाद उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया और उनके साथ 'जानवरों जैसा' बर्ताव किया गया।
भारतीय मीडिया में यह मामला उछलने के बाद नई दिल्ली ने चीनी राजनयिकों को तलब किया और उनसे भारतीय कारोबारियों को न्याय दिलाने का अनुरोध किया। भारत के हस्तक्षेप के बाद दोनों व्यापारियों को शंघाई लाया गया है।
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