मैक्सिको:
एनएसजी के लिए भारत की दावेदारी को मेक्सिको के रूप में एक और अहम देश का समर्थन मिला है। मेक्सिको ने 48 देशों के इस समूह में भारत को ‘सकारात्मक’ एवं ‘रचनात्मक’ रूप से समर्थन देने की घोषणा की और दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीति साझेदारी में बदलने के लिए एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।
मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेक्सिको एनएसजी में भारत की सदस्यता का सकारात्मक एवं रचनात्मक रूप से समर्थन करता है। मोदी वाशिंगटन में कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के बाद यहां पहुंचे।
एनएसजी में समर्थन के लिए धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने इस समर्थन के लिए एनएसजी के एक अहम सदस्य मेक्सिको को धन्यवाद दिया और उसे भारत की उर्जा सुरक्षा के लिए एक अहम साझीदार बताया।
अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत वाशिंगटन से आज यहां पहुंचे मोदी ने कहा, हम क्रेता-विक्रेता के संबंध से आगे बढ़ना चाहते हैं और एक दीर्घकालिक साझीदारी करना चाहते हैं।..हमने हमारे संबंधों को एक रणनीतिक साझीदारी में बदलने के लिए ठोस परिणामों का एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति जताई है।
एनएसजी में प्रवेश के मामले में भारत की दावेदारी के लिए मेक्सिको के समर्थन को महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। एनएसजी के सदस्यों को परमाणु प्रौद्योगिकी के निर्यात और इससे संबंधित व्यापार करने की अनुमति है। मोदी ने गत सोमवार को एनएसजी के एक अन्य अहम सदस्य स्विट्जरलैंड की यात्रा की थी। परमाणु प्रसार को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करने के तौर पर जाने जाने वाले यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड ने परमाणु व्यापार क्लब में शामिल होने के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने की घोषणा की थी। पांच देशों की अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में यहां आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतो ने कई द्विपक्षीय एवं वैश्विक मामलों पर व्यापक वार्ता के बाद परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को अपने देश के समर्थन की घोषणा की।
द्विपक्षीय सहयोग गहरा करने की बात
पीएम मोदी और नीतो ने इस वार्ता के दौरान व्यापार एवं निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा समेत कई मामलों में द्विपक्षीय सहयोग गहरा करने के तरीकों पर बात की।
मेक्सिको और स्विट्जरलैंड के समर्थन को ऐसे समय में महत्वपूर्ण समझा जा रहा है जब चीन यह तर्क देकर एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है कि उसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मंगलवार को वांशिगटन में हुई वार्ता में भी इस मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा हुई।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेक्सिको एनएसजी में भारत की सदस्यता का सकारात्मक एवं रचनात्मक रूप से समर्थन करता है। मोदी वाशिंगटन में कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के बाद यहां पहुंचे।
एनएसजी में समर्थन के लिए धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने इस समर्थन के लिए एनएसजी के एक अहम सदस्य मेक्सिको को धन्यवाद दिया और उसे भारत की उर्जा सुरक्षा के लिए एक अहम साझीदार बताया।
अपनी पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत वाशिंगटन से आज यहां पहुंचे मोदी ने कहा, हम क्रेता-विक्रेता के संबंध से आगे बढ़ना चाहते हैं और एक दीर्घकालिक साझीदारी करना चाहते हैं।..हमने हमारे संबंधों को एक रणनीतिक साझीदारी में बदलने के लिए ठोस परिणामों का एक रोडमैप विकसित करने पर सहमति जताई है।
एनएसजी में प्रवेश के मामले में भारत की दावेदारी के लिए मेक्सिको के समर्थन को महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। एनएसजी के सदस्यों को परमाणु प्रौद्योगिकी के निर्यात और इससे संबंधित व्यापार करने की अनुमति है। मोदी ने गत सोमवार को एनएसजी के एक अन्य अहम सदस्य स्विट्जरलैंड की यात्रा की थी। परमाणु प्रसार को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करने के तौर पर जाने जाने वाले यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड ने परमाणु व्यापार क्लब में शामिल होने के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने की घोषणा की थी। पांच देशों की अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में यहां आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतो ने कई द्विपक्षीय एवं वैश्विक मामलों पर व्यापक वार्ता के बाद परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को अपने देश के समर्थन की घोषणा की।
द्विपक्षीय सहयोग गहरा करने की बात
पीएम मोदी और नीतो ने इस वार्ता के दौरान व्यापार एवं निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा समेत कई मामलों में द्विपक्षीय सहयोग गहरा करने के तरीकों पर बात की।
मेक्सिको और स्विट्जरलैंड के समर्थन को ऐसे समय में महत्वपूर्ण समझा जा रहा है जब चीन यह तर्क देकर एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है कि उसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मंगलवार को वांशिगटन में हुई वार्ता में भी इस मुद्दे पर मुख्य रूप से चर्चा हुई।
PM : We have agreed to develop a roadmap of concrete outcomes to upgrade our ties to a Strategic Partnership. pic.twitter.com/3egSAzEcMd
— Vikas Swarup (@MEAIndia) June 9, 2016
PM : We have agreed to develop a roadmap of concrete outcomes to upgrade our ties to a Strategic Partnership. pic.twitter.com/3egSAzEcMd
— Vikas Swarup (@MEAIndia) June 9, 2016
PM: We are meeting for the third time in last two years. I truly value your friendship Mr. President. pic.twitter.com/FQAX7yaLRv
— Vikas Swarup (@MEAIndia) June 9, 2016
पीएम मोदी ने भाषण का अंत ओक्टावियो पाज की पंक्ति से किया, "मैं समझता हूं कि भारतीय होने का मतलब क्या है, क्योंकि मैं मैक्सिकन हूं।" इसके बाद पीएम मोदी और मैक्सिको राष्ट्रपति ने दोनों की फोटो पर हस्ताक्षर किए।And some more pics of the two leaders at dinner pic.twitter.com/AjctyUZQeT
— Vikas Swarup (@MEAIndia) June 9, 2016
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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